27 August 2020

WISDOM -----

   अमरदास  सिख  संप्रदाय   के  तृतीय  गुरु  थे  l   उन्होंने  अपने  अनुयायियों  को  सामूहिक  लंगर   में  भोजन  कराने  की  प्रथा  का  सूत्रपात  किया  ,  ताकि  मनुष्य - मनुष्य  के  बीच  ऊंच - नीच   के  भेद  को  मिटाया  जा  सके  l   एक  बार  एक  अधिकारी  ने   आकर   सेवकों  के  माध्यम  से   अमरदास जी  को   सूचना    भिजवाई   कि   शहंशाह  अकबर   आपके  दर्शन  करना  चाहते  हैं  ,  भोजन  भी  यहीं  करेंगे  l   अमरदास जी  बोले ---- " यहाँ  सभी  समान  हैं  l  यदि  शहंशाह   सामान्य  नागरिक  की  तरह  आकर   सबके  साथ  बैठकर   लंगर  भोजन   करने  को  तैयार   हों  तो  आ  सकते  हैं   l  "   बादशाह  ने  वैसा  ही  किया  ,  तब  कहीं  गुरु - दर्शन  प्राप्त  हुए   और  उनके  सत्संग  का  लाभ  मिला  l     अहंकार   के  हटने  पर  ही   श्रेष्ठता  का  सान्निध्य   प्राप्त   हो सकना  संभव  हो  पाता   है  l