24 November 2022

WISDOM ----

  एक  कथा  है ---- विधाता  ने  मनुष्य  बनाया   और  उसे  धरती  पर  भेजने  लगे   तो  भेजते  हुए  बोले  ---" पुत्र  ! तू  मानव जीवन  का  उपयोग  आत्म कल्याण  के  लिए  करना   ताकि  मृत्यु  आने  पर  पछताना  न  पड़े  l  "  मनुष्य  ने  कहा -- " जी  प्रभु  ! पर  आप  मृत्यु  आने  से  पूर्व  चेतावनी  जरुर  दे  देना  ,  ताकि  मैं  समय  रहते  संभल  सकूँ  l "  विधाता  ने  हामी  भरी  l  पृथ्वी  पर  आते  ही  मनुष्य  अपने  पथ  से  भटक  गया  और  मात्र  इन्द्रिय  सुखों  में  रस  लेने  लगा  l  जीवन  पूरा  हुआ  और  मृत्यु  के  बाद  वह  कर्मों  का  लेखा -जोखा  के  लिए  विधाता  के  समक्ष  उपस्थित  हुआ  l  उसने  विधाता  से  कहा --- "आपने  वचन  दिया  था  कि  आप   मृत्यु  आने  पर  चेतावनी  देंगे  , पर  मुझे  तो  कोई  ऐसा  संदेश  नहीं  मिला  l "  विधाता  बोले --- "  तेरी  आँखों  से  दीखना , कानों  से  सुनना  कम  पड़ने  लगा  , हाथ   -पैर  कम  काम  करने  लगे   पर  तब  भी  तू  उन्हें  भूलकर   सुखों  में  रस  लेता  रहा   तो  इसमें  किसका  दोष  है   l  यही  तो  तेरे  लिए  चेतावनी  थी  l  सत्य  है  कि  परमात्मा  मनुष्य  को  हर  घड़ी  चेताते  हैं  ,  पर  वह  ही  अपना  बहुमूल्य  जीवन  व्यर्थ  गँवा  देता  है   l

  संसार  में  ऐसे  अनेक  व्यक्ति  हुए    जिन्होंने  मृत्यु  को  स्वीकार  किया  --- जर्मनी  के   प्रसिद्ध   नाटककार   गेटे  अपने  लक्ष्य   में  आजीवन  पूरे  मन  और  निष्ठां  से  लगे  रहे   l  जब  उनकी  मृत्यु  का  समय  आया   तब  भी  उन्हें  नाटक  ही  दीख  रहा  था  l  अंतिम  साँस  छोड़ते  हुए   उन्होंने  उपस्थित  लोगों  से  कहा  --- " लो , अब  पर्दा  गिरता  है  , एक  मजेदार  नाटक  का  अंत  होता  है  l "