एक आदमी ऐसे गाँव में पहुँच गया ,जहां सब अंधे रहते थे ।उनका परस्पर व्यवहार कहीं भी आँख वालों से अलग नहीं था ।सुनना ,पदचाप से जान लेना ,सूंघना आदि सभी क्षमताएँ विकसित थीं ।उसे वहां एक लड़की मिली ।बड़ी सुंदर व शिष्ट थी ।उसे उस लड़की से प्रेम हो गया ।वह अंधी थी ।उस लड़की ने बुजुर्गों से उससे शादी की बात की ,पर साथ में यह भी कहा कि उसके साथ एक कमी है कि उसे दिखाई देता है ।हम लोगों की तरह नहीं है ।सभी अंधे बुजुर्ग बोले -"यह बड़ी भयावह बीमारी है ।सारी तकलीफें इसी से पैदा होती हैं ।हम उसका इलाज कर देंगे ,फिर तुम्हारी शादी कर देंगे ।वे उसके पीछे पड़ गए ।वह भागा ।अंधों का चक्रव्यूह इतना प्रबल था कि जाल में फँस गया ।लड़की कहती रही कि हम तुमसे प्रेम करते हैं ,मत भागो ,पर वह किसी तरह बच कर निकल भागा ।अंधों के गाँव में देखना भी बीमारी है ,आज के संसार की स्थिति भी ऐसी ही है ।विवेकवान होना ,किसी का भला करना औरों के लिए एक बीमारी बन गई है ।