6 April 2021

WISDOM -----

    प्रसिद्ध   मानवतावादी  विद्वान   रोमारोलाँ   ने  लिखा  है  ---- '  लेनिन वर्तमान  शताब्दी  के  सबसे  कर्मठ   और  साथ  ही  स्वार्थ त्यागी   व्यक्ति  थे  l   उनने  आजीवन  घोर  परिश्रम  किया    पर  अपने  लिए  कभी  किसी  प्रकार  के  लाभ  की   इच्छा  नहीं  की   l  '    लेनिन  17  वर्ष  की  अवस्था  में  ही   जन  क्रांति  के  महत्त्व  और  शक्ति  को  समझते  थे   l  वे  जारशाही  के  तो  दुश्मन  थे  लेकिन   वे  कहते  थे  ---' षड्यंत्र  और  गुप्त  हत्याओं  का  मार्ग  सही  नहीं  है  ,  हम  इस  पर  चलकर  सफलता  नहीं  पा  सकते   l   जब  उन्हें   जारशाही  ने  साइबेरिया  में  निष्कासित  कर  दिया  तो  वे   शुसेनिस्क  नमक  गाँव  में   नजरबंदी  का  जीवन  बिताना  पड़ा  l   वहां   के    कष्ट  और   कठिनाइयों  के  कारण  कितने  ही  कैदी  पागल  हो  जाते  थे  ,  भूखों  रहकर  मर  जाते  थे   लेकिन  लेनिन  मनस्वी  और  कर्मठ  थे  ,  उन्होंने  समय  का  सदुपयोग  किया  ,  वहां  के  किसानों , मजदूरों   को  मुकदमे   आदि के  संबंध  सलाह  देते  थे  l   उन्होंने  एक  पुस्तक  भी  लिखी --' कहाँ  से  कार्य  आरम्भ  करें  '  l   इसे  लोग  रूस  की  राज्य  क्रांति  का  प्राइमर  कहने  लगे  थे   l