27 May 2021

WISDOM ------

   एक  बार  जिज्ञासु  अग्निवेश  ने    आचार्य  चरक  से  पूछा  ----- "  संसार  में  जो  अगणित  रोग  पाए  जाते  हैं  , उनका  कारण  क्या  है   ? "  आचार्य  ने  उत्तर  दिया  ---- "  व्यक्ति  के  पास  जिस  स्तर  के   पाप  जमा  हो  जाते  हैं  ,  उसी  के  अनुरूप     शारीरिक  और  मानसिक  व्याधियाँ   उत्पन्न  होती  हैं   l   प्रकृति  के  सामूहिक  दंड  भी    मनुष्य  के  सामूहिक   पतन  के  दुष्परिणाम  होते  हैं   l  उच्च स्तरीय  आस्थाओं  की  अवहेलना  , विलासी , बनावटी   और  अहंकारी  गतिविधियाँ   अपनाने  ,   चिंतन  में  दुष्टता    और  आचरण  में  भ्रष्टता   के  कारण    आंतरिक  तनावों   में  वृद्धि  हुई  है   l   आज  अधिसंख्यक  व्यक्ति   किसी  न  किसी  प्रकार  के   मानसिक  रोग  से  ग्रस्त  पाए  जाते  हैं    l   शरीर  और  मन  परस्पर  गुंथे  हुए  हैं   l   शारीरिक  रोग  कालांतर  में  मानसिक     और  मानसिक  रोग     शारीरिक  रोग  बन  जाते  हैं    l