20 December 2021

WISDOM ------

      जार्ज  बनार्ड  शॉ   ने  लिखा  है  ---- "    जो  व्यक्ति  समाज  से  जितना  ले   यदि  उतना  ही  उसे  लौटा  दे   तो  वह  एक  मामूली  भद्र  व्यक्ति  माना  जायेगा   l   जो  समाज  से  जितना  ले  उससे  कहीं  अधिक   उसे  लौटा  दे   तो  उसे  एक   विशिष्ट  भद्र   व्यक्ति  कहा  जायेगा    और  जो  अपने  जीवनपर्यन्त   समाज  की  सेवा  में   लगा  रहे   और  प्रत्युपकार  में   समाज  से   कुछ  भी  लेने  की   इच्छा  न  रखे   वह  एक  असाधारण  भद्र  पुरुष  कहलावेगा   l     परन्तु  जो  व्यक्ति    समाज  का  सिर्फ  शोषण  ही  करता  रहे    और  समाज  को  देने  की  बात  भूल  जाये    उसे  क्या ' जेंटलमैन  '  माना  जायेगा   ?  "

WISDOM -----

     पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- पशु - पक्षी  आदि  जीव   बीमार  पड़   जाने  पर  मनुष्य  की  तरह  इलाज  कराने  अस्पताल  नहीं  जाते  l   वे  आहार  ग्रहण  करना  छोड़  देते  हैं  l  पूर्णत:  उपवास  पर  रहते  हैं   l   सूर्य  की  धूप   में  पड़े  रहते  हैं  ,  प्रकृति  का  सेवन  करते  हैं  ,  इससे  वे   शीघ्र  स्वस्थ  हो  जाते  हैं   l   मनुष्य  के    पास  रोग  निवारण  हेतु    आज   इतनी  पैथियाँ   हैं  ,  पर  वह  स्वास्थ्य - लाभ  नहीं  कर  पा  रहा  है  l  कारण  स्पष्ट  है  ---- प्राकृतिक  ऋषिकल्प  जीवन  शैली  का  अभाव ,  पेट  को  आराम  न  देना   तथा  कृत्रिम  संश्लेषित  औषधियों   से  शरीर  को  भर  डालना   l  '