26 March 2024

WISDOM ----

   लघु -कथा --- एक  अत्याचारी  राजा  था  ,  जो  किसी  से  रुष्ट  होने  पर   उसे  बंदी बनाकर   और  अँधा  कर  के   एक  चौरासी  कोस  के  जंगल  में  छोड़  देता  था   l  उस  जंगल  के  चारों  ओर   एक  बड़ी  व  मजबूत  दीवार  बनी  हुई  थी  l  ज्यादातर  लोग  उस  दीवार  से   सिर  टकराकर  मर  जाते  थे  ,  पर  उन्ही  में  से  एक  ऐसा  ईश्वर  भक्त  था   जिसे  यह  विश्वास  था  कि   जिस  ईश्वर  ने  यह   स्रष्टि  रची  है  ,  क्या  उसके  पास   एक  छोटे  जंगल  से  निकलने  का  मार्ग   नहीं  होगा  l  इसी  विश्वास  के  आधार  पर   वह  रोज  दीवार  का  सहारा  लेकर   गोल -गोल  घूमा  करता  था   और  ऐसे  ही  एक  दिन   उसे  दीवार  के  मध्य   एक  ऐसा  छिद्र  मिल  गया   जिससे  बाहर  निकला  जा  सकता  था  l   इस  प्रकार  अपने  निरंतर  प्रयास   और  ईश्वर  विश्वास   ---इन  दोनों  के  संयुक्त  बल  से   वह   बाहर  निकलने  में  सफल  हुआ  l   जीवन  में  सफलता  के  लिए    निरंतर  पूर्ण  मनोयोग   से     प्रयास  करने  के  साथ  ईश्वर  विश्वास  भी  जरुरी  है  ,  ईश्वर  विश्वास  से  ही  आत्मबल  मिलता  है  l  महाभारत  में   कर्ण  युद्ध  विद्या  में  अर्जुन  से  श्रेष्ठ  था  ,  महादानी  और  आत्म बल  का   धनी  था  ,  फिर  भी  अर्जुन  से  हार  गया  l  ऐसा  क्यों  हुआ  ?  क्योंकि   एक  तो  उसने  अनीति  और  अधर्म  का  साथ  दिया  ,  अत्याचारी  और  अन्यायी  जब  डूबता  है   तो  अपना  साथ  देने  वाले  सबको   साथ  लेकर  डूबता  है  l  दूसरा  जो  सबसे  बड़ा  कारण  था  ---- ऋषि  कहते  हैं  ' नर  और  नारायण '  का  जोड़ा  ही   जीतता  है  l  अर्जुन  को  नर  और  कृष्ण  को  नारायण  कहा  गया  है  l  जब  अर्जुन  निराश  हो  गया  था  तब  भगवान  ने  गीता  का  उपदेश  देकर  उसे  प्रेरणा  दी  उसके  आत्मबल  को  जगाया  ,  अर्जुन  के  जीवन  रूपी  रथ  की  बागडोर  संभाली  l     कर्ण  चाहे  अर्जुन  से  श्रेष्ठ  था   लेकिन  उसने  अपने  आपको  ही  सब  कुछ  माना  ,  नारायण  को  अपना  पूरक  नहीं  बनाया   इसलिए  उसे   पूरक  सत्ता  का , ईश्वर   का  साथ  नहीं  मिल  सका   और  वह  पराजित  हुआ  l  

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