5 September 2020

WISDOM -----

   संतों  ने  ऋषियों  ने  कहा  है  कि    मृत्यु  का  स्मरण  बने  रहने  से   हम  बुरे  कर्म ,  पाप  कर्म  करने  से  बचेंगे  l   संत  कबीर  ने  कहा  है ---  काल  जीव   को  ग्रासई ,  बहुत  कहा  समुझाय  l   कहै  !  कबीर  मैं  क्या  करूँ ,  कोई  नहीं  पतियाय  l   संत  कबीर  कहते  हैं   मैंने  बहुत  प्रकार  से  समझाकर  कहा  कि  एक  दिन  हर  प्राणी  को  काल  पकड़ेगा  ,  परन्तु  मैं  क्या  करूँ  , कोई  मेरी   बात  पर  विश्वास   ही  नहीं  करता----  l 

रावण , कंस , कुम्भकरण  से  लेकर  औरंगजेब  जैसे  क्रूर  शासकों  ने    अपने जीवन  में  न  जाने  कितने   अत्याचार , अमानवीय  कृत्य  किए  l  शायद  यही  सोचकर  कि  वे  स्वयं  कभी  मरेंगे  ही  नहीं  l  जिन  लोगों  के  लिए  धन , दौलत  , ऐश्वर्य  ही  सब  कुछ  है  , उनका  जीवन  भय  और  आशंका  से  घिरा  हुआ  होता  है  l  उनके  अपने  कर्म  ही  उन्हें  डराते   हैं  l   उनके  प्रभाव   व भय  से   बाहर  उनकी  जय - जयकार   भले  ही  हो  रही  हो  ,  पर  उनके  भीतर  हाहाकार  मचा  हुआ  होता  है   l   समस्त  भौतिक  वैभव   एवं   साधनों  के  बीच   होते  हुए  भी  वे  अंदर  से   दुःखी   व  कंगाल  होते  हैं  l   पं. श्रीराम  शर्मा , आचार्य जी   का  कहना  है  --- जीवन  में  उल्लास , आनंद , मधुरता  तभी  संभव  है   जब  मनुष्य  सच्चाई की , नैतिकता   और  अध्यात्म  की  राह  पर  चले   और  इन  राहों   पर  चलना  तभी  संभव  है  , जब  हमें   यह  बोध  हो  कि   हमारा  जीवन  नश्वर  है , मृत्यु  अटल  है  ,  हमारे  द्वारा  किए   गए  कर्मों  का  फल  मिलना  भी  सुनिश्चित  है  l 

WISDOM -----

   कलकत्ता  बोर्ड  की  अंग्रेजी  की  परीक्षा  देने   एक  युवक  पहुंचा  l   परीक्षा  भवन  में  उससे  पूछा  गया  --- " क्या  आप  हमारे  प्रश्नों  के  लिए  तैयार  हैं  ? "  युवक  ने  उत्तर  दिया  - - " जी  हाँ  ! "  तब  परीक्षकों  ने   अंग्रेजी  में  पूछा ---- " स्कूल    मास्टर  और  स्टेशन  मास्टर   में   क्या   अंतर   है   ? "  उस  विद्दार्थी  ने  अंग्रेजी  में  कहा ---- " दि   स्कूल   मास्टर  ट्रेन्स  दि   माइंड  ,   व्हाइल  दि   स्टेशन   मास्टर  माइंड्स   दि   ट्रेन्स  l  "  परीक्षक     इस अर्थपूर्ण  उत्तर   कि   '  एक  अध्यापक   मस्तिष्क  को  संचालित  करता  है  ,  जबकि   स्टेशन  मास्टर   गाड़ियों  ( ट्रेनों )  को  '    से  बहुत  प्रभावित  हुए  l   वह  युवक  थे  श्री  सुभाषचंद्र  बोस  l