18 January 2020

WISDOM -----

  एक   कसाई  की  गाय  वध  शाला  से  छूटकर  भाग  गई  l   कसाई  पकड़ने  के  लिए  पीछे - पीछे  दौड़ा  l   गाय  एक  संत  के  आश्रम  में  घुस  गई  और   आश्रम  के  पीछे  घनी  झाड़ियों  में  घास  चरने  लगी  l घनी  झाड़ियों  की  वजह  से   वह  कसाई  की  आँखों  से  ओझल  थी  l  कसाई  ने  संत  से  पूछा --- " इधर  से  गाय  निकली  है  क्या  ?  आपने  उसे  देखा  है  क्या  ? "
 संत  सोचने  लगे   सच  बोलने  से  गाय  का   प्राण  जायेगा  और  गौ - हत्या  से  बड़ा  कोई  पाप  नहीं  l   इसलिए  परिणाम  को  देखते - समझते  हुए  शब्द - छल   करने  में  कोई  हर्ज  नहीं  l   कसाई  के  बार - बार  पूछने  पर  संत  ने  कहा ---- " जिसने  देखा  वह  बोलता  नहीं  और   जो  बोलता  है  उसने  देखा  नहीं  l '  कसाई  इस ब्रह्म ज्ञान  की  भाषा  का  अर्थ  नहीं  समझ  सका   और  आगे  चला  गया    l   ऋषि  की  पत्नी  ने
 इस  रहस्य  वचन  का  कारण  पूछा   तो  उनने  कहा --- ' गाय  के  प्राण  बचाने   के  लिए  शब्द - छल  किया  l  नेत्रों  ने  गाय  देखी   पर  वे  बोलते  नहीं   l   जीभ  बोलती  है  पर  देखती  नहीं   l   इस  प्रकार  सत्य  वचन  भी  हो  गया   और   गाय  की  रक्षा  भी  हो गई  l '  संत  ने  कहा --- ' हमें  कभी  अप्रिय   सच   नहीं  बोलना  चाहिए   अर्थात  ऐसा  सत्य  नहीं   बोलना  चाहिए   जिससे  किसी  का  अहित  हो  l    '