26 May 2021

WISDOM ------ स्वयं से प्यार करें

   स्वामी  विवेकानन्द   ने  कहा  था  ---- सर्वप्रथम  हम  स्वयं  से  प्यार  करें  l '       ---  जब  हम  स्वयं  से   प्रेम  करेंगे    अपने  शरीर    और  मन  को   स्वस्थ    रखेंगे   तभी  हम  अपने  देश , अपनी  प्रकृति  , सम्पूर्ण  पर्यावरण  से  प्रेम  कर  सकेंगे   और  उसके  उत्थान  के  लिए   प्रयास  करेंगे   l   इसके  विपरीत   हम  जिस  मिटटी  में  पैदा  हुए  ,  उस  मिटटी  ने  हमें  जो  उपहार  दिए   यदि  हम  उनकी  कद्र  नहीं  करते   ,  दूसरे   को  देख   अपने  ही  पहचान  को  भूल  जाते  हैं   तो   ऐसे   में   हम  अपने  व्यक्तित्व  को  अपने  ही  हाथों   मिटाते  हैं    और  तब  नकारात्मक  शक्तियां   अपना  स्वार्थ  सिद्ध  करती  हैं   l   ऐसे  में   न  केवल  मनुष्य  बल्कि  उसके  अस्तित्व  से  जुड़े  सभी  क्षेत्र  एक  प्रयोगशाला  बन  जाते  हैं   l  मार्टिन  लूथर  किंग   एक  प्रश्न  सभी  से  पूछा  करते  थे  ---- ' अपनी  आत्मा  अथवा  चरित्र   को   दांव  पर  लगाकर   यदि  सारे  संसार  की  दौलत   हमारे  सामने  रख  दी  जाये   तो  उसका  क्या  उपयोग  होगा   ?   वे  कहते  थे  --- मानव  जीवन  भले  ही  क्षण  भंगुर  हो    पर  उसे  अविवेक  के  साथ  नहीं  बिताना  चाहिए    l   इस  संसार  को  जीने  योग्य   वे  ही  व्यक्ति  बना  सकते  हैं   जो  सत्य  के  प्रति  अनुरागी , न्यायप्रिय   तथा  त्यागी  वृत्ति   के  हों   l   '        यदि  हम    किसी  अन्य  देश  के  धर्म , शिक्षा , चिकित्सा ,  रहन -सहन , वेशभूषा ,  संस्कृति  के  श्रेष्ठ  और  प्रामाणिक  तत्वों  को  अपनाते  हैं   तो  यह  सभ्यता  और  संस्कृति   का   श्रेष्ठ  और  अनूठा  मिलन    होगा   लेकिन  यदि   हम  जागरूक  नहीं  है  , अंधानुकरण  करते  हैं    तो  फिर   ' न  घर  के  न  घाट  के  '     जैसी  स्थिति  हो  जाएगी    l