30 September 2020

WISDOM ----

   नारी  पर  अत्याचार  की  गाथा  कोई  नई   नहीं  है  ,    विभिन्न  देश , विभिन्न  समाज   अपने अपने  तरीके  से   नारी  पर  अत्याचार  करते  हैं   l   लेकिन  हम  जब  संसार  में  शांति  की  बात  करते  हैं  ,  अहिंसा  की  बात  करते   हैं  ,   स्वयं  को  शांति प्रिय  कहकर  अन्य  देशों  पर  आक्रमण  नहीं  करते  ,  ऐसे  में    नारी  पर   अत्याचार    की  अनेक  घटनाएं   जो  मनुष्य  को  पशु  से  भी  निम्नतर  स्तर   पर ले  जाती  हैं  ,  समाज  के  लिए  कलंक  हैं   l   नारी  को   अत्याचार    सहते - सहते  एक  युग  बीत  गया   l   जिन  जातियों  ने  स्वयं  को  श्रेष्ठ  कहा  उन्होंने  ही  सती - प्रथा  के  नाम  पर  नारी   को जिन्दा  जलाया   l   कन्या - वध  के  नाम  पर  बच्ची  के  पैदा  होते  ही  उसे  मार  डाला  l   फिर  बालिका  भ्रूण  हत्या  l   दहेज़ - प्रथा  के  नाम  पर  नारी  पर  अत्याचार  ,  पारिवारिक हिंसा - उत्पीड़न   !   पहले   नारी  पर    अत्याचार  एक  सामाजिक  बुराई  थी    लेकिन  अब  उसमे  राजनीति   भी  जुड़  गई   l   बड़े - बड़े  अपराधी  अपनी   अपराधिक    गतिविधियों  को  अंजाम  देने  के  लिए  छुटभैया  लोगों  की  मदद  लेते  हैं  ,  इसके  बदले  में  उन्हें  पैसा  भी  देते  हैं   और  समाज  में  अपराध  करने  की  खुली  छूट  l   इसलिए  पकड़े   जाने  पर  भी  अपराधी  बच  जाते  हैं   l   इस    तरह  की  घटनाएं   कभी  - कभी  समाज  में  अपने  वर्चस्व  को  स्थापित  करने  के  लिए ,  लोगों  में  आतंक  पैदा  करने  के  लिए  प्रायोजित  भी  होती  हैं  l    समस्याएं  जब  बढ़कर  एक  वृक्ष  की  तरह  विशाल  हो  गई  हों  ,  तब  उसे  समाप्त  करने  के  लिए  जड़  को  ही  काटना  पड़ता  है  l   इसके  लिए  समाज  का  संगठित  और  जागरूक  होना  जरुरी  है  l 

WISDOM -----

   गुरु  नानक  प्रव्रज्या  पर  थे   l   मुखमण्डल  का  तेज  छिपाने  के  लिए  उनने  चेहरा  ढँक  लिया  एवं   कुछ  फटे - पुराने  कपड़े   पहन  लिए  l   सिपाहियों  ने  उन्हें  बेगार  में  पकड़कर  सेनापति  के  सम्मुख  प्रस्तुत  किया  l   वह  उनका  तेज  देखकर  उन्हें  बाबर  के  पास  ले  गया  l   बाबर  समझ  गया  कि   यह  खुदापरस्त  फकीर   है  l   कहीं  कोई  बददुआ   न  दे   दे  ,  यह  सोचकर  वह  उठा  और  आदरपूर्वक  उन्हें  गद्दी  दी  l   शाही  सम्मान  की  रीति   से  उन्हें  शराब  परोसी  गई  l   नानक  देव  बोले --- " बाबर  !  हमने  वह  आला  शराब  पी   है  ,  जिसका  नशा  जन्म - जन्मांतर  तक  नहीं  उतरता  l  "  बाबर  ने  शर्मिंदा  होकर  हीरे - जवाहरात  जड़े  कपड़े   मंगवाए  l   गुरु  नानक  ने  कहा ---' इन्हे  तू  गरीबों  में  बंटवा  दे  ,  जिनका  धन  चूस - चूसकर  तू  सम्राट  बना  है  l   मेरे  पास  तो  भगवान  के  नाम  का  धन  है  l   सारी   दौलत  मिटटी  है  l "  बाबर  ने  कहा --- ' मैं  आपकी  सेवा  कैसे  करूँ  ? '   इस  पर  नानक  देव  ने  कहा --- "  तेरे  यहाँ  जितने  कैदी   हैं ,  उन्हें  छोड़  दे   और  लूटपाट  बंद  करवा  दे  --- यही  हमारी  सबसे  बड़ी  सेवा  है  l '  बाबर  ने  तुरंत  आदेश  दिया  l