संसार में लोग प्रत्यक्ष शक्ति , प्रभाव और आर्थिक सफलता की ही पूजा करते रहे हैं , पर मानवता की सच्ची भावना उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है l आर्थिक सफलता छाया की तरह अस्थायी होती है और राजनीतिक सफलता उससे भी अधिक क्षण भंगुर होती है l राजनीति एक सामयिक खेल है जिसकी अधिक प्रशंसा उसी समय तक होती है जब तक दर्शक उसे देखते रहते हैं l लेकिन मानव -सेवा , परोपकार कि वृति, दूसरे के लिए आत्म त्याग कि भावना आदि ऐसे गुण हैं जिनकी जन समुदत तत्काल प्रशंसा न करे , पर इसकी महत्ता लोगों के दिल में घर कर जाती हैं और धीरे - धीरे बढती हुई पल्लवित , पुष्पित और फलदायक होती दिखलाई पड़ती है l