18 September 2019

WISDOM ------

  ' मनुष्य  पाप  कर  के  यह  सोचता  है  कि  मेरा  पाप  कोई  नहीं   जानता  ,  पर उसके  पाप  को  न  केवल  देवता  जानते  हैं  ,  बल्कि  सब  के ह्रदय  में  स्थित  परम  पिता  परमेश्वर  भी  जानते  हैं  l  '
    अनाचारी   और  अधर्मी   अपनी  सामर्थ्य    शक्ति   का   घोर  दुरूपयोग  करते  हैं  l  ऐसे  लोग  इस  कदर  ह्रदयहीन  होते  हैं   कि  ये  अशक्त , निरीह ,  दुर्बल  , बच्चे    बूढ़ों    पर  भी  निर्ममता  से  वार  करते  हैं  l  अत्याचारी  और  अनाचारी   के  लिए  कोई  नीति,  धर्म व   मर्यादा  नहीं    होती  l  अपने  तुच्छ   स्वार्थ   व  अहंकार  की  पूर्ति    लिए   वे  कुछ  भी  करने  के  लिए ,  किसी  भी  स्तर  तक  गिरने  के  लिए  तैयार  रहते  हैं   l                            जहाँ    बल  से  काम  न  बने  ,  वहां    छल  से  काम  लेते  हैं   l  जहाँ   शक्ति    से  काम  न  निकले  ,  वहां   वे    छद्म    से  काम  लेते  हैं  l  जहाँ   सामर्थ्य    से  हल  न  निकले  ,  वहां   ये  विश्वासघात  का  हथियार  उपयोग  करते  हैं  l
  अनाचारी  और  अधर्मी  को  स्वयं  पर  विश्वास  नहीं  होता  l  ये  डरते  रहते  हैं  कि  कहीं  कोई   अधिक  बलशाली  इनके  वर्चस्व  को  समाप्त  न  कर  दे  l  अधर्मी  मामा  कंस  के  आतंक  का  इतिहास  गवाह  है  l  शक्तिशाली  होने  के  बावजूद  भयभीत  था  ,  उसने  अपनी  ही  बहन  की  सात  नवजात  संतानों  को   मृत्यु   के   घाट   उतार  दिया  l
 पं.  श्रीराम  शर्मा  आचार्य  ने  लिखा  है ---- ' अनीति  और  अधर्म  से   किसी  को  सफलता  मिलते  भले  ही  दिखाई  पड़े  ,  परन्तु  उनका  अंत  बड़ा  ही   वीभत्स    एवं  भयानक  होता  है   l  कर्म  किसी  को  नहीं  छोड़ता   l  दुष्कर्मों  का  परिणाम  आने  में  भले  ही  देरी  हो ,  किन्तु  कर्म फल  से  कोई  नहीं  बचा  है  l  अत:  काल  और  कर्म  से  डरते  हुए  सदा  सत्कर्म  करते  रहना  चाहिए  l