5 August 2019

WISDOM

  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य  ने  लिखा  है  --- 'इस  दुनिया में  सुखी  और  संतुष्ट  जीवन  जीने  के  लिए  व्यवहार  करने  की  कला  सीखनी  चाहिए  l सांसारिक  व्यक्तियों  की  वृत्तियाँ  दूषित  होती  हैं , इस  कारण  उनका  व्यवहार  कभी  अच्छा  और  कभी  बुरा  होता  है  l उनसे  रिश्ता  निभाने  का  सही  तरीका  यही  है  कि उनसे  उनके  अच्छे भावों  व  विचारों  के  बारे  में  ही  बातचीत  की  जाये  , कभी  भी  किसी  के  प्रति  बुराई  को  अपनी  चर्चा  का  विषय  न  बनाया  जाये  l   हम  किसी  भी  व्यक्ति  की  बुराई  के  कारण  उस  व्यक्ति  से  नफरत  करने  लगते  हैं , उसके  प्रति नकारात्मक  सोचने  लगते  हैं  , उससे  क्रोधित  होते  हैं  l  इस  तरह  दूसरे  व्यक्ति  की  बुराई  तो  यथावत  रहती  है  , लेकिन  उसकी  लगातार  निंदा  करने  के  कारण  हम  अपनी  वृत्तियाँ  भी  दूषित कर  लेते  हैं  l  हम  अपने  अन्दर  की  नकारात्मकता  को  दूर  करते  हुए  सकारात्मकता  को  बढ़ावा  दें  l