29 May 2021

WISDOM ------

   एक  कथा  है  --- हुसैन  नामक  एक  जौहरी   था  ,  व्यापार  के  लिए  वह  रोम  नगर  गया   l   वहां  के  मंत्री  से  उसकी  मित्रता  हो  गई  l   एक  दिन  वह  मंत्री  के  साथ   घोड़े  पर  सवार  होकर   जंगल  में  जा  रहा  था  l   वहां  उसे  हीरे - मोती  की  झालरें  लगा  हुआ  एक  विशाल  तम्बू  नजर  आया  l   इस  तम्बू  के  पास  विशाल  सुसज्जित  सेना  खड़ी  थी   l   इस  सेना  ने  सेनापति  के  साथ  उस  तम्बू  की  प्रदक्षिणा  की   और  रोमन  भाषा  में   कुछ  प्रार्थना  कर  के   चले  गए   l   इसके  बाद  सफ़ेद  वस्त्र  पहने  कुछ  वृद्ध  पुरुष  आये  वे  भी   प्रदक्षिणा  और    प्रार्थना  कर  के  चले  गए   l   अब  दो - तीन  सौ   सुंदरियाँ  जवाहरात  से  भरे   थालों  को   हाथ  में  लेकर  आईं   और  सबकी  तरह  तम्बू  की  परिक्रमा  कर  के  और  प्रार्थना  कर  के  चलीं   गईं  l   सबसे  अंत  में  उस  देश  का  राजा  अपने  मंत्रियों  सहित  आया   और  तम्बू  के  भीतर  गया   l   थोड़ी  देर  बाद  बाहर  आया  और   भरे  हृदय  से  कुछ  प्रार्थना  कर  चला  गया  l   हुसैन  को  यह  सब  देखकर  बड़ा  आश्चर्य  हुआ  ,  उसने  मंत्री  से  इसका  रहस्य  पूछा   l   मंत्री  ने  बताया  ---- हमारे  राजाधिराज  के  एक  बड़ा  सुन्दर  और  गुणवान  पुत्र  था  ,  राजा  को  उससे  बड़ा  प्रेम  था  l   एक  दिन  अचानक  उसका  देहांत  हो  गया   और  बादशाह  शोक   सागर  में  दुब  गया   l   इस  तम्बू  में  उसी  शहजादे  की  कब्र  बनी   है   l   प्रतिवर्ष    कुमार  की  मृत्यु  तिथि  के  दिन    बादशाह  सेना  और  परिवार  सहित  यहाँ  आता  है   और  कब्र  की  प्रदक्षिणा  कर  के  चला  जाता  है   l   उन  सबने  रोमन  भाषा  में  जो  प्रार्थना  की   उनका  आशय  यही  है   कि   अगर  सेना  की  वीरता  से ,  विद्वानों  के  ज्ञान  से  ,  धन - सम्पति   आदि  किसी   शक्ति  से  संसार  से  चले  गए   व्यक्ति  को   वापस  बुला  सकना  संभव  होता   तो  हम  तुमको  अवश्य  बुला  लेते   l   पर  किसी  प्रकार  ऐसा  हो  सकना   असंभव   है  ,  इस  कारण  हम  तुम्हारे  लिए   शोक  ही  प्रकट  कर  सकते  हैं   l