30 January 2022

WISDOM ------

  एक  प्रसिद्ध   दार्शनिक  का  कथन  है ---- " जीवन  में  कोई  तब  तक  बूढ़ा  नहीं  होता  ,  जब  तक  वह  अपने   सपने  पूरे   करने  में  लगा  रहता  है  l   जब  उसके  सपने  मरते  हैं ,  अधूरे  रह  जाते  हैं  ,  तब  वह  असहाय  महसूस  करता  है  l   इसलिए  अपने  सपनों  को  कभी  मरने  नहीं  देना  चाहिए  ,  इन्हे  हमेशा   जीवंत   रखना  चाहिए   क्योंकि  आँखों  में  सजे  हुए  सपने  ही    हमारी    आशाओं  के  स्रोत  हैं   l  "   सपने  देखने  के  लिए   उसमे   सफलता पाने  के  लिए   उम्र   का कोई  बंधन  नहीं  होता   l   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  --- 'यदि  कोई  अपने  जीवन  में  कुछ  करने  की  ठान  ले   तो  उम्र  उसके  कार्य  में  बाधा  नहीं  बनती   और  शरीर  की  ऊर्जा   उसके  कार्य  में   रूकावट  नहीं  डालती   क्योंकि  उसका  निश्चय  मन  से  होता  है  ,  मन  की  शक्ति  से  होता  है   l   इसलिए  हर  रूकावट  को  ,  हर  मुश्किल  व  परेशानी  को   उसके  आगे  झुकने  के  लिए   मजबूर  होना  पड़ता  है   l  "   इसी  मन   की  शक्ति  के  कारण   लियोनार्डो   दि   विन्ची  ने   अपनी  प्रसिद्ध   पेंटिंग  ' मोनालिसा  '  51   साल  की  उम्र  में  बनाई   l   गोस्वामी  तुलसीदास जी  ने   90   वर्ष  की  उम्र  में  रामचरितमानस  लिखना  शुरू  किया  l   मन  में  सच्ची  लगन  हो  तो  सब  कुछ  संभव  है   l