रामकृष्ण परमहंस कहा करते थे कि दक्षिणेश्वर मंदिर के कुत्ते , बिल्ली भी धन्य हैं l देखो ! वह माता का प्रसाद खा रहे हैं l गंगादर्शन कर उसका जल पी रहे हैं l उद्दान मंदिर में एक कुत्ता था , जिसे ठाकुर कप्तान कहकर पुकारते थे l कप्तान अक्सर काली माँ के मंदिर के सामने सबसे ऊँची सीढ़ी के तल पर बैठता था l ठाकुर के बुलाते ही वह उनके चरणों में आकर लोटने लगता l तब ठाकुर उसे पूड़ी व संदेश देते थे l वे कहते थे ---- " इतने कुत्ते हैं , पर कप्तान को छोड़कर कोई भी काली माँ के सामने नहीं बैठता l किसी शाप के कारण ही कुत्ते की योनि में जन्म हुआ l पूर्व जन्म में कुछ अच्छा संस्कार भी रहा होगा , तभी तो वह यहाँ है l अब इस जन्म में मुक्त हो जायेगा l बड़ी धन्य आत्मा है l "
4 November 2020
WISDOM -----
भगवान श्रीराम के एक ही शिष्य हैं --- हनुमान जी l बड़े से बड़ा काम कर के भी कोई अहंकार नहीं l काम दिया तो कर दिया l सतत राम - नाम का जप l जब वे अकेले ही लंका जलाकर , रावण का मान - मर्दन प्रभु के पास लौटे और प्रभु ने पूछा कि त्रिभुवन विजयी रावण की लंका को तुमने कैसे जलाया हनुमान ! तब उनने कहा ---- ' सो सब तव प्रताप रघुराई l नाथ न कछू मोरि प्रभुताई l l हनुमान जी व्याकरण के पंडित , वेदज्ञ , ज्ञान शिरोमणि , बड़े विचारशील , तीक्ष्ण बुद्धि और अतुल पराक्रमी हैं , पर अति विनम्र , अहं जैसे छू भी नहीं गया हो l सभी भक्तों के वे आदर्श हैं l तभी तो श्रीराम कहते हैं --- 'सुन सुत तोहि उरिन मैं नाहीं l देखेउँ करि बिचार मन माहीं ll