26 March 2021

WISDOM -----

  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ----- कायरता इस  समाज  का  सबसे  बड़ा  कलंक  है  l  संसार  के  समस्त  उत्पीड़न  का  दायित्व  कायरों  पर  है  l  '     असुरता  तो  संसार  में  शुरू  से  है  ,  लेकिन  उसका  रूप   इतना भयावह  नहीं  था  ,  जितना  कि   वर्तमान   समय   में  है   l    हमने  जिस  तीव्र  गति  से  वैज्ञानिक  प्रगति  की  है  ,  उसी  गति  से  अपराध  भी  बढे  हैं   l  विज्ञानं  ने  मनुष्य    को   नास्तिक  बना  दिया  l  अब  लोग  केवल  दिखावे  के  लिए  ईश्वर  का  नाम  लेते  हैं  ,  हृदय  से  उन  पर , प्रकृति   पर   विश्वास  नहीं  करते  ,  स्वयं  को  श्रेष्ठ  समझते  हैं   लेकिन  पहले  लोग  ईश्वर  के  बनाए   कर्म विधान  से  डरते  थे  , ईश्वर  पर  विश्वास  रखते  थे  ,  और  ईश्वर विश्वास  ही  आत्मविश्वास  है  ,और  आत्मविश्वासी  ही  साहसी  होता  है  l   ईश्वर  ने  जब  भी  धरती  पर  मनुष्य  के  रूप  में  जन्म  लिया  तो  अपने  आचरण  से   समाज  को  शिक्षा  दी  ,  हमें  अपने  जीवन  में  सही  मार्ग  का  चयन  करना  सिखाया   जैसे ---- भगवान  श्रीराम  ने   बलवान   किन्तु  अन्यायी  , अधर्मी   बालि   को  छोड़कर   दीन - हीन    सुग्रीव    को  अपना  मित्र  बनाया  l   यदि  भगवान   श्रीराम   चाहते  तो     महाबलशाली  बालि   से मदद   लेकर  तत्काल  समस्या   का समाधान  पा  सकते   थे , परन्तु    श्रीराम    ने    स्वेच्छाचारी  अन्यायी   को छोड़कर     सदाचारी  दीन    का पक्ष  लिया  l