21 August 2021

WISDOM-------

     एक    महिला   ने  शिकागो   के  प्रसिद्द  शिक्षा  शास्त्री   फ्रांसिस  वेलैंड  पार्कर   से  यहाँ  पूछा  ---- " वह  अपने  बच्चे  की  शिक्षा  कबसे   प्रारम्भ  करे  ?  " पार्कर   ने  पूछा  ---- " आपका  बच्चा  कब  जन्म  लेगा   ? "  महिला  ने  बताया  ----- "  वह  तो  पांच  वर्ष  का  हो  गया   l  "  पार्कर    ने  कहा  ----- " क्षमा  करें  मैडम   l   अब  पूछने  से  क्या    फायदा  l   शिक्षा  का  सर्वोत्तम  समय   तो  पांच  वर्ष  तक  ही  होता   है  ,  उसे  आपने  यों   ही  गँवा  दिया  l   यदि  आपने  जन्म  देने  से    पूर्व   ही   शिक्षा  की  व्यवस्था  कर  ली  होती   तो  अब  तक  वह   एक  सुयोग्य  नागरिक  के   लघु  संस्करण  के  रूप  में  विकसित  हो  गया  होता   l  "

WISDOM ------

  मनुष्य  के  भीतर  देवता  और  दानव  दोनों  है  , अपने  भीतर  की  असुरता  को  प्रकट  करना  और  बढ़ाना  बहुत  सरल  है  और   यह   क्षणिक  सुख  व  अहंकार  को  पोषण  भी  देता  है     मनुष्य   होकर  भी  अपनी  पाशविकता  को  प्रकट  करने  के  लिए  कोई  कारण  चाहिए   और     वह  है  --- धर्म  '   l   धर्म  की  आड़  में  लोग  कितने  दंगे - फसाद ,  हत्या ,  उत्पीड़न   कर  लोगों  को  जीतना  ,  अपनी    इच्छानुसार  चलाना   चाहते  हैं   l   दिन  तो  वही  24   घंटे  का  होता  है   लेकिन   इन  नकारात्मक  कार्यों  के  लिए  लोगों  के  पास  कितना  वक्त  है    ?     इसमें  से  थोड़ा  सा  भी  वक्त  लोगों  के  दिल  जीतने  में  लगाएं    तो  इतिहास  में   नाम  अमर  कर  लें  l   जो  इस  सत्य  को  जानते  हैं   वे  न  केवल  मनुष्यों  बल्कि  ईश्वर  का  भी  दिल  जीत  लेते  हैं   l -------- एक  बार   खलीफा  हजरत  उमर   बैठे  हुए  थे  l   उन्होंने  देखा   आसमान  से  एक  फरिश्ता  मोटी   सी  किताब   लिए  हुए  जा  रहा  है  l   उन्होंने  फ़रिश्ते  को  बुलाया  और  पूछा  कि   इस  किताब  में  क्या  लिखा  है   ?    फ़रिश्ते  ने  कहा  ---- इस  किताब  में  उन  लोगों  के  नाम  लिखे  हैं    जो  खुदाबंद   करीम  की  इबादत  करते  हैं   l   हजरत  उमर   ने  कहा  ---  दिखाना  ,  इसमें  हमारा  नाम  भी  लिखा  है  क्या   ?    जब  देखा  तो  उसमें  उनका  नाम  नहीं  था  l   उन्हें  बड़ा  दुःख  हुआ   ,  वे  रोने  लगे   कि     हमने   दुनिया  को  सुखी  बनाने  का  काम  किया  ,  फिर  भी  हमारा  नाम  नहीं  है   l   थोड़े  दिन  बाद  एक  और  फरिश्ता  आसमान  में  किताब  ले  जाता    दिखा    l   हजरत  उम्र  ने  फ़रिश्ते  को  बुलाया  और  पूछा  कि   इसमें  किसके  नाम  लिखे  हैं   ?  फ़रिश्ते  ने  कहा  ----  इस  किताब  में  उन  लोगों  के  नाम  लिखें  हैं   जिनकी  इबादत  स्वयं  खुदाबंद   करीम  करते  हैं   l    उन्होंने  कहा  कि    देखें  इसमें  किसके    नाम  है   ,  देखा  तो  उसमे  सबसे  ऊपर   हजरत    उमर    का  नाम  था   l   उन्होंने  प्रसन्नता  और  आश्चर्य  से  पूछा  ---  खुदा  मेरी  इबादत , मेरा  ध्यान  किसलिए   करते  हैं   ?  फ़रिश्ते  ने  कहा  --- क्योंकि  तुम ने  दूसरों  के  कष्ट  को  काम  करने  ,   उन्हें   सुख  देने  और  अपना  जीवन  नेक  बनाने  के  लिए   जिंदगी  भर  कार्य  किया  है  l   ऐसे  ही  लोगों  को  ईश्वर  प्यार  करते  हैं ,  हर  पल  उनका  ध्यान  रखते  हैं   l