3 May 2021

WISDOM ------

  एक  प्रेरणाप्रद  दृष्टांत  है ----- ' यूनान  के  शाह  का  स्वास्थ्य  दिन - प्रतिदिन  ख़राब  होता  जा  रहा  था  , बचने  के  आसार  नहीं  थे  l   अंत  में  सभी  हकीमों  ने  यह  निश्चय  किया  कि   निर्धारित  लक्षणों  वाले  किसी  व्यक्ति  का  पित्ताशय  प्राप्त  हो  सके  तो  शाह  को  बचाया  जा  सकता  है  l   शासकीय  कर्मचारी  निकल  पड़े  और  एक  बालक  को  पकड़  लाए  l  काजी   से  इस  संबंध   में  परामर्श  लिया  गया   तो  उसने  भी  कह  दिया   कि  राजा  की  प्राण  रक्षा  के  लिए   यदि  कुछ  व्यक्तियों    को अपना  बलिदान  देना  पड़े    तो वह  अपराध  की  श्रेणी  में   नहीं आएगा  l    निश्चित   समय  पर  वह  लड़का  राजा   के सम्मुख  लाया  गया  l  सभी  हकीम   तैयारी   के  साथ  वहां  थे  , राजा  ने  जल्लाद   को उस  बालक  का  काम तमाम  करने  की  आज्ञा  दी  l  जल्लाद  ने  जैसे  ही  तलवार  उठाई  ,  वह  बालक   ऊपर    आकाश  की  और  देखकर   हँसने   लगा   l   मृत्यु  के  मुख  में  जाते  बालक  को  हँसते  देख   राजा  को  बड़ा  आश्चर्य  हुआ  ,  उसने  संकेत  से  जल्लाद  को  रुकने  को  कहा   और  बालक  से  हँसी   का  कारण  पूछा   l  बालक  ने  कहा  ---- '  आज  मैंने  देखा  कि  माता - पिता  जिस  संतान  के  लिए  प्राण  देते  हैं  ,  उन्होंने  उसे  पैसों  के  लोभ  में  बेच  दिया   l   काजी  जो   धर्म   और मर्यादा  की  रक्षा  करने  वाला  कहा  जाता  है  ,  उसने  राजा  को  खुश  करने  के  लिए   धर्म  के  सिद्धांत   को  ही  बदल  दिया   और  राजा   के जीवन   को बचाने   के  लिए    भले  ही  किसी  के  प्राण  लिए  जाएँ  ,  पर   धर्म   उसे   अपराध  और  पाप   की  दृष्टि  से   मान्य  करने  को  तैयार  नहीं  है  l   प्रजा   का  रक्षक    बादशाह    ही    भक्षक   बना  जा  रहा    है ,   उस समय  ईश्वर  के  अलावा   व्यक्ति  को  सहारा    देने  वाला    और  कौन  हो  सकता  है   ?  अत:  मुझे   उस  परम पिता  को  याद  कर  के   हँसी   आ  रही  है   कि   यहाँ  तो  ऐसा  अंधेर  मचा  हुआ  है  ,   देखें सबका  रक्षक  क्या  करता  है   ?  बालक  की  बात  सुनकर  राजा  को   समझ  आ  गई  ,  उसने  अपनी  भूल  स्वीकार  कर  बालक  को  मुक्त  किया   l