29 March 2022

WISDOM -----

   यूनान  का  एक  वृद्ध  दार्शनिक  अपने  मित्र  से  बोला ----- "मैंने  लोगों  को  सच्चाई  और  सदाचार  की  शिक्षा  देने  की  योजना  बनाई  है   l   विद्यालय  के  लिए  स्थान  भी  चुन  लिया  है  ,  पर  विद्या अध्ययन  के  लिए   विद्यार्थी  नहीं  मिलते  l   मित्र  व्यंग्य  करते  हुए  बोले ---- " तो  आप  कुछ  भेड़ें  खरीद  लीजिए  और  अपना  पाठ  उन्हें  ही  पढ़ाया   करें  l  तुम्हारी  इस  योजना  के  लिए  आदमी  मिलने  मुश्किल  हैं   l "  हुआ  भी  कुछ  ऐसा  ही  ,  कुल  दो  युवक  आए  l   जिन्हे  घरवाले  आधा  पागल  समझते  थे   और  मुहल्ले  वाले  सिरदर्द   l   वृद्ध  ने  उन्ही  को  पढ़ाना   शुरू   किया  l   दूसरे  लोग  कहा  करते  थे  ---  बुड्ढे  ने  मन  बहलाने  का  अच्छा  साधन  ढूंढा  l   किन्तु   यही  दोनों   इस  बूढ़े  विचारक   से  शिक्षा  प्राप्त  कर  के   जब  पहली  बार  घर  लौटे   तो  उनके  रहन - सहन , बोलचाल , अदब - व्यवहार  ने  लोगों   का  हृदय  मोह  लिया  l   फिर  तो  जो  विद्यार्थियों  की  संख्या  बढ़नी  शुरू  हुई   कि   विद्यालय  पूरा  विश्वविद्यालय  बन  गया   l  पहले  के   दोनों  छात्रों  में   एक  यूनान  का  प्रधान  सेनापति   और  दूसरा  मुख्य  सचिव  नियुक्त  हुआ   l   ये  वृद्ध  सुविख्यात  दार्शनिक  जीनों  थे   और  उनकी  पाठशाला  ने  ' जीनों  की  पाठशाला '  के   नाम  से  विश्व -ख्याति  अर्जित  की  l 

WISDOM -----

    इस  संसार  में    अहंकार , महत्वाकांक्षा , हुकूमत   आदि  अनेक  कारणों  से  युद्ध  होते  रहे  हैं  l   यह  सब  कारण  बड़े  स्पष्ट  हैं  l   लेकिन   इसे  कलियुग  का   असर  कहें   या   सम्पूर्ण पर्यावरण   प्रदूषण    है  जिसके  कारण  लोगों  की  मानसिकता  विकृत  हो  गई  है  ,  धन- संपदा   का  लालच  बहुत  बढ़  गया  है   और  इसे  पाने  के  लिए  व्यक्ति  किसी  भी  स्तर  तक  गिर  सकता  है   l '' एक  तीर  से  दो  शिकार "   की  मानसिकता  है  l   जब  मानसिकता  विकृत  हो  तो  वह  किसी  की  सुख - शांति , उनका  वैभव  नहीं  देख  सकती   l   परिवार  केवल  अपनी  ही  गलतियों  से  नहीं  टूटते  l  विकृत  मानसिकता  के  अनेक  लोग  इसी  कार्य  में  व्यस्त  रहते  हैं  कि   परदे  की  आड़  में  रहकर   कैसे   किसी के  परिवार  को  नष्ट  कर  दें  l     देखने   में  ऐसा  प्रतीत   हो   कि   पारिवारिक  तनाव  की  वजह  से ,  या  किसी  दुर्घटना  आदि  किसी  भी  वजह  से  वह  परिवार  बिखर  गया   फिर  झूठी  सहानुभूति  रखने  वालों  को  बड़ी  आसानी  से   उनकी  सम्पति   पर कब्ज़ा  करने  का  सुनहरा  अवसर  मिल  जाए  l   इसमें  गिद्ध  प्रवृति  भी  होती   है ,  आखिर  मदद  करने  वालों  का  भी  हिस्सा  देना  पड़ेगा  l   कलियुग   का असर  समूची  धरती  पर  एक  जैसा  होता  है  ,     बड़े  स्तर  पर  देखें  तो  एक  पर्दा  वहां  भी  है  ,'  एक  तीर  से  दो  शिकार ' वहां  भी  है   l   धर्म  और  अधर्म  की  तो  कोई  लड़ाई  है  नहीं   l   मानव  जीवन  की  कोई  कीमत  नहीं  है   केवल  लोभ - लालच  है  ,  जितने  ज्यादा  हथियार  आदि  बिकेंगे  उतना  ही  फायदा  होगा  l   पहले  महामारी  आदि  की  घोषणा  नहीं  होती  थी  कि   अब  हैजा  आ  रहा  है ,   अब  मलेरिया ,  अब  टाइफाइड  आ  रहा  है  , -----  विज्ञानं  का  अब  चमत्कार  है  ,  बीमारी  परेशानी  किसकी  और  धनपति  कौन   ?    दोष  किसी   एक का  नहीं  है  ,  जब  संसार  ऐसे  अंधकार  में  आ  जाता  है   कि   उत्पीड़ित  करने  वाला  और  उत्पीड़ित  होने  वाला    सभी  तनाव  में  हों   तब  कुछ  ऐसा  अवश्य  होता  है  कि   संसार  को  समझ  में  आ  जाये   कि   ईश्वर  है  ,  उसके  यहाँ  देर  है  , अंधेर  नहीं   l