24 September 2018

WISDOM ----- मनुष्य अपनी कमजोरियों के कारण आपस में लड़ता है , धर्म और जाति के कारण नहीं

 इस  संसार  में  एक  ही  धर्म  के  लोगों  के  बीच  भयानक  उपद्रव , हिंसा  एवं  युद्धों  का  लम्बा  इतिहास  रहा  है  l  महाभारत  में   दोनों  पक्ष  के  योद्धा  एक  ही  धर्म  को  मानने  वाले  थे  और  एक  ही  परिवार  के  थे  l   अनेक  यूरोपियन  युद्धों  में   दोनों  पक्ष  के  लोग  ईसाई  थे  l   शिया  और  सुन्नी  आपस  में  लड़ते  हैं  l   इसे  इकाई  स्तर  पर  देखें  तो  एक  ही  परिवार  में  भाई - भाई  में  सम्पति  के  लिए  झगड़ा  होता  है  ,  मुकदमेबाजी  और  हत्या  तक  हो  जाती  है  l  विभिन्न  निजी  और  सरकारी  संस्थानों  में  देखें  तो  एक  ही  धर्म  के  लोग   होंगे ,  तब  भी  कोई  किसी  का  हक़   छीनेगा,  किसी  को  उत्पीडित  करेंगे  ,  षड्यंत्र  रचकर  मुसीबत  में  डालेंगे  l  किसी  परिवार  में  कोई  महिला   के  पति  की  आकस्मिक  मृत्यु  हो  जाये  तो  उसी  के  घर  के  सदस्य   जो  उसी  जाति  व  धर्म  के  हैं   उसकी  सम्पति  हड़प  लेंगे ,  उसे  अति  का  कष्ट  देंगे   l 
            मनुष्य  की  दूसरों  पर  हुकूमत  चलाने  की ,  उन्हें  नीचा  दिखाने  की  प्रवृति  शुरू  से  रही  है   क्योंकि  इससे  उनके  अहंकार   का    पोषण   होता  है  l   इसी   कारण समाज  में  दंगे  और  अशांति  होती  है   l