10 September 2019

WISDOM ----- अहंकार व्यक्ति को पतन के मार्ग पर ले जाता है

   पं.  श्रीराम  शर्मा  आचार्य  ने  लिखा  है ---- ' जब  स्रष्टि  का  सृजेता  ईश्वर  स्वयं  को  श्रेष्ठ  सिद्ध  करने  का  कभी  कोई  प्रयास  नहीं  करता  ,  तब  हम  मरणधर्मा   होते  हुए  भी  स्वयं  को  श्रेष्ठ  मानने  व  सिद्ध  करने  का  उपाय  किस  आधार  पर  कर  सकते  हैं   ?    इसलिए  मनुष्य  को  जो  कुछ  भी  विशेषता  प्राप्त  हो  उसका  सदुपयोग  स्वयं  के  विकास  में  और  दूसरों  के  कल्याण  के  लिए  करना  चाहिए   l  जिन  उपलब्धियों  के  कारण  वह  आज  गर्वोन्मत   हो रहा  है  ,  उन्हें  नष्ट  होने  में  क्षण भर  भी  नहीं  लगेगा  l   इसलिए  अपनी  उपलब्धियों   व  सफलताओं  को  ईश्वर  की  कृपा  मानते  हुए  उनके  प्रति  कृतज्ञ  होना  चाहिए   l  "
 अहंकारी  व्यक्ति  का  पतन  निश्चित  है  l   हिरण्यकशिपु ,  रावण ,  कंस , दुर्योधन  के  उदाहरण  सर्वविदित  हैं  ,  कोई  भी  अमर  नहीं  हुआ   l  जब  इनका  अहंकार  पराकाष्ठा  पर  पहुँच  गया  तो  काल  ने  उनको  समाप्त  कर  दिया  l