भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं कि दमन पाशविक भी है और ईश्वरीय विभूति भी है l दमन यदि विवेकहीन , नीतिहीन हो तब वह आसुरी एवं पाशविकता का परिचय देता है l
लेकिन यदि अन्याय , अत्याचार , अनीति ,अनाचार , दुराचार , शोषण , भ्रष्टाचार का दमन किया जाता है तो दमन ईश्वरीय विभूति के रूप में अलंकृत होता है l जो इसे करने का साहस दिखाता है , दंड उसके हाथों में ईश्वरीय शक्ति के रूप में सुशोभित होता है l
समर्थ गुरु रामदास ने अत्याचार और अनीति के विरुद्ध संग्राम में शिवाजी को विजयी बनाने के लिए माँ भवानी कि अजेय तलवार प्रदान की थी l
लेकिन यदि अन्याय , अत्याचार , अनीति ,अनाचार , दुराचार , शोषण , भ्रष्टाचार का दमन किया जाता है तो दमन ईश्वरीय विभूति के रूप में अलंकृत होता है l जो इसे करने का साहस दिखाता है , दंड उसके हाथों में ईश्वरीय शक्ति के रूप में सुशोभित होता है l
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