5 September 2019

WISDOM------ पद की गरिमा

  वाल्मीकि  रामायण  में  एक  कथा  आती  है  कि  एक  बार  एक  कुत्ता  भगवान   राम  के  दरबार  में  अपनी  समस्या  लेकर  पहुंचा  l  उसने  भगवान  राम  से  कहा --- " प्रभु  ! मुझे  नगर  के  एक  ब्राह्मण  ने  अकारण  ही  डंडे  से  मारा   और  प्रताड़ित  किया  l  मैं  आपसे  प्रार्थना  करता  हूँ  कि  उसे  कलिंजर  पीठ  का  महंत बना  दीजिये  l "  भगवान  राम  बोले ---- " पर  उसने  तुम्हारे  साथ  दुर्व्यवहार  किया  है  तो  सजा  के  बदले  उसके  लिए  पुरस्कार  की   चाह   क्यों  ? "
  कुत्ता  बोला ---- " भगवन  ! मैं  पूर्व जन्म  में  कलिंजर  का  महंत  ही  था   l  मैंने  जीवन  भर  सदाचरण  ही  किया  ,  दान  की  सम्पति  का  निजी  कार्यों  में   उपभोग  नहीं  किया  l  पर  एक  बार  मुझसे  भूलवश   मंदिर  में  चढ़ाये  घी का  उपयोग  अपने  भोजन  में  डालने  हेतु  हो  गया  l  आज  उसी  के  प्रायश्चित स्वरुप  इस  श्वान  योनि  में  मेरा जन्म  हुआ  है  l  फिर  ये  व्यक्ति  तो  स्वभाव  से  ही  दुराचारी   और  लालची    है  l   इसका  क्या   परिणाम  होगा ,  ये  आपसे  अच्छा  कौन  जान  सकता  है   l "
  दायित्वपूर्ण    स्थानों  पर  आसीन  व्यक्तियों  को  सदा  पद  की  गरिमा  और  मर्यादा  का  ध्यान  रखना  चाहिए  ,  अन्यथा   पतन  होते  देर  नहीं  लगती   l