27 April 2022

WISDOM -----

   लघु  कथा ------  एक  मिटटी  के  ढेले   से  सुगंध  आ  रही  थी   तथा  दूसरे  से  दुर्गन्ध  l  दोनों  जब  मिले   तो  आपस  में  विचार  करने  लगे   कि  हम  दोनों  एक  ही  मिटटी  के  बने  हैं  ,  फिर  इतना  अंतर  क्यों  ?   सुगंधित  ढेले  ने  कहा ---- "  यह  संगति   का  प्रतिफल  है   l  मुझे  गुलाब  के  नीचे  पड़े  रहने  का  अवसर  मिला   और  तुम  गंदगी  के  नीचे  दबे  रहे  l  "  वास्तव  में  सत्संग  की  महिमा  अपरम्पार  है   l  सत्संग  पाने  का  कोई  भी  अवसर  खोना  नहीं  चाहिए   l   

 2 .    शत्रुओं  से  घिरे  एक  नगर  की  प्रजा   अपना  माल , असबाब  पीठ  पर  लादे  हुए  जान  बचाकर   भाग  रही  थी  l   सभी  घबराये  और  दुःखी   स्थिति  में  थे  ,  पर  उन्ही  में  से  एक  खाली  हाथ  चलने  वाला  व्यक्ति   सिर  ऊँचा  किए   ,  अकड़कर  चल  रहा  था   l   लोगों  ने  उससे  पूछा  --- " तेरे  पास  तो  कुछ  भी  नहीं  है  ,  इतनी  गरीबी  के  होते  हुए   फिर  अकड़  किस  बात  की   ?  "  दार्शनिक  वायस  ने  कहा ------- " मेरे  पास  जन्म  भर  की  संगृहीत  पूंजी   है   और  उसके  आधार  पर   अगले  ही  दिनों  फिर  अच्छा  भविष्य  सामने  आ  खड़ा  होने  का   विश्वास  है  l    यह  पूंजी  है  ,  अच्छी  परिस्थितियां  फिर  बना  लेने  की  हिम्मत   l   इस  पूंजी  के  रहते   मुझे   दुःखी   होने  और  सिर  नीचा  करने  की  आवश्यकता  ही  क्या  है   ?  "