1 April 2023

WISDOM -----

  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---' सच्ची  लगन  और  एक  निष्ठा  के  साथ  विवेकपूर्ण  प्रयत्न  करने  से  ही  सफलता  प्राप्त  होती  है  l  परिश्रम  और  प्रयत्न  से  मनुष्य  के  भीतर  छिपी  हुई   अनेकानेक  शक्तियां   और  योग्यताएं  प्रस्फुटित  होती  हैं  , फिर  उनके  द्वारा  वह  संपदाएँ  प्राप्त  हो  जाती  हैं   जो  कल्प वृक्ष  द्वारा  प्राप्त  होनी  चाहिए  l  जो  अपनी  मदद   आप   करता  है  , परमात्मा  भी  उसकी  मदद  करता  है  l  " -----  एक  नन्हा  बीज  अपने  संकल्प  के  साथ  धरती  की  गोद  में  गिरा  , तभी  प्रकृति  ने  उसके  संकल्प  की  परीक्षा  लेनी  शुरू  की  l  धरती  ने  उस  पर  अपना   भार   बढाया   l  तभी  कहीं  से  बीज   को  जल  की  एक  बूंद   मिली   और  बीज  फूट  पड़ा   और  अंकुर  में  बदल  गया  l  धीरे -धीरे  उस  अंकुर  में  से  तना  निकला  l  उस  तने  की  परीक्षा  के  लिए  वायुदेव  ने   भयंकर  उपक्रम  किया  , जिसमें  बड़े -बड़े  वृक्ष  धराशायी  हो  गए  , लेकिन  वह  पौधा  विनम्रता  के  साथ   इधर -उधर  झुकता  रहा   और  आंधी  उसका  कुछ  न  बिगाड़  सकी  l  अब  इस  बार  उसका  सामना  उपवन  में  फैली  खरपतवार  से  हुआ  l  उसने  उसे   चारों  ओर  से  घेर  लिया  , पर  माली   पौधे  के  संकल्प  से  बहुत  प्रभावित  हुआ  l  उसने  पौधे  के  चारों  ओर  फैली  झाड़ियाँ  काट  दीं  l  वह  पौधा  संकल्प  के    साथ   आगे  बढ़ता  हुआ  वृक्ष  बन  गया   l  गुरु  ने  अपने  शिष्यों  को  समझाते  हुए  कहा --- 'जो  बीज  की  भांति  स्वयं  को  गलाना  जानता  है , बाधाओं  से  टकराना   जानता  है  , प्रतिघातों  से  जो  विचलित  नहीं  होता  , तप -तितिक्षा  से  जो     कतराता   नहीं  ,  उसी  का  जीवन  सुरभित , प्रस्फुटित  और  विकसित  होता  है  l  '