ऋषि पुलस्त्य से उनके आश्रमवासियों ने पूछा --- " रावण आपका नाती है , स्वयं भी शिव भक्त है , विद्वान् है , फिर भी दुष्टता क्यों बरतता है ? "
ऋषि बोले --- " उसे सोने की लंका बनाने का शौक जो लगा l बिना शोषण के इतना धन जुटाता कैसे ? यह लिप्सा ही दुष्टता की जननी है l " आज सारा संसार कुछ लोगों की इसी ' रावण मनोवृति ' की सजा भुगत रहा है l
प्राचीन समय में यह स्पष्ट था कि अत्याचार कौन कर रहा है l त्रेतायुग में रावण के अत्याचार से समस्त जनता पीड़ित थी l द्वापर युग में कंस के अत्याचार से सब दुःखी थे l फिर महाभारत में यह स्पष्ट था कि दुर्योधन के अहंकार की वजह से ही महाभारत हुआ l
लेकिन वर्तमान युग में सब कुछ ग्लोबल है l लोभ , लालच , तृष्णा , अहंकार जैसे दोषों से ग्रसित व्यक्ति सब एक श्रंखला में बंधे हैं , एक ही नाव में सवार हैं फिर चाहे वे किसी भी देश के हों l सब एक - दूसरे के हितों का ध्यान रखते हैं l
रावण का भय तीनों लोकों में व्याप्त था , उसे मिटाने के लिए भगवान राम ने जन्म लिया l लेकिन आज लोग अदृश्य से भयभीत हैं , लोगों की चेतना जाग्रत होगी , समाज जागरूक होगा तभी इससे छुटकारा संभव है l
ऋषि बोले --- " उसे सोने की लंका बनाने का शौक जो लगा l बिना शोषण के इतना धन जुटाता कैसे ? यह लिप्सा ही दुष्टता की जननी है l " आज सारा संसार कुछ लोगों की इसी ' रावण मनोवृति ' की सजा भुगत रहा है l
प्राचीन समय में यह स्पष्ट था कि अत्याचार कौन कर रहा है l त्रेतायुग में रावण के अत्याचार से समस्त जनता पीड़ित थी l द्वापर युग में कंस के अत्याचार से सब दुःखी थे l फिर महाभारत में यह स्पष्ट था कि दुर्योधन के अहंकार की वजह से ही महाभारत हुआ l
लेकिन वर्तमान युग में सब कुछ ग्लोबल है l लोभ , लालच , तृष्णा , अहंकार जैसे दोषों से ग्रसित व्यक्ति सब एक श्रंखला में बंधे हैं , एक ही नाव में सवार हैं फिर चाहे वे किसी भी देश के हों l सब एक - दूसरे के हितों का ध्यान रखते हैं l
रावण का भय तीनों लोकों में व्याप्त था , उसे मिटाने के लिए भगवान राम ने जन्म लिया l लेकिन आज लोग अदृश्य से भयभीत हैं , लोगों की चेतना जाग्रत होगी , समाज जागरूक होगा तभी इससे छुटकारा संभव है l