11 May 2023

WISDOM -----

   महान  दार्शनिक  सुकरात  हर  सुबह  घर  से  निकलने  के  पहले   आईने  के  सामने  खड़े  होकर  खुद  को  देर  तक  निहारते  रहते  थे  l  एक  दिन  उनके  एक  शिष्य  ने  उन्हें  ऐसा  करते  देखा   तो  उसके  चेहरे  पर  मुस्कान  तैर  गई  l  सुकरात  समझ  गए  l  वे  शिष्य  से  बोले ---- " तुम  जरुर  यह  सोचकर   मुस्करा  रहे  हो   कि  यह  कुरूप  व्यक्ति   आईने  में  खुद  को  इतने  ध्यान  से  क्यों  देख  रहा  है  ? "   पकड़े  जाने  पर  शिष्य   थोडा  झेंप  सा  गया  l  वह  कुछ  कहता  , इसके  पहले   ही  सुकरात  उससे  बोले  --- " मैं  आईने  में   हर  दिन  सबसे  पहले  अपनी   कुरूपता  देखता  हूँ  ,  ताकि  उसके  प्रति  सजग  रह  सकूँ  l  इससे  मुझे  जीवन  जीने  की  प्रेरणा  मिलती  है  , जिससे  मेरे  सद्गुण  इतने   निखरें  कि  वे  मेरी  कुरूपता  पर  भारी  पड़  जाएँ  l "  शिष्य  ने  कहा ---- " तो  क्या  सुन्दर  मनुष्यों  को  क्या  आईना  नहीं  देखना  चाहिए  ?  "  सुकरात  ने  उत्तर  दिया ---- " नहीं  वत्स  !  आईना  उन्हें  भी  देखना  चाहिए  ,  लेकिन  जब  वे  स्वयं  को  आईने  में   देंखें   तो  यह  अनुभव  करें   कि  उनके  गुण  भी  उतने  ही  सुन्दर  हों  , जितना  सुन्दर   भगवान  ने  उन्हें  शरीर  दिया  है  l  "