3 February 2024

WISDOM -----

    महाभारत  की  कथा  है  ---- यक्ष  ने  युधिष्ठिर  से  प्रश्न  पूछा ---- " इस  संसार  का  परम  आश्चर्य  क्या  है  ?  "  युधिष्ठिर  ने  कहा ---- "  सबसे  बड़ा आश्चर्य   है  कि  मृत्यु  को   सुनिश्चित  घटना  के  रूप  में  देखकर   भी  मनुष्य   इसे  अनदेखा  करता  है  l   वह  मृत्यु  की  नहीं , जीवन  की  तैयारी   कुछ  इस  तरह  करता  है  ,  जैसे  विश्वास  हो  कि  वह   कभी  मरेगा  ही  नहीं  ,उसे  सदा -सदा  जीवित  रहना  है  l  "    यदि  मृत्यु  के  अटल  सत्य  को  व्यक्ति  स्वीकार  कर  ले    तो  संसार  में  इतना  हाहाकार  न  हो  l  लालच , महत्वाकांक्षा , ईर्ष्या , द्वेष  और  सबसे  बढ़कर  अहंकार  ने  मनुष्य  की  सोच  को  विकृत  कर  दिया  है  l  ' जियो  और  जीने  दो ' के  बजाय    ' मारो -काटो '   की   बात  करता  है   l   ये  दुर्गुण  व्यक्ति  को  क्रूर  बना  देते  हैं  ,   उसके  'मानवीयता  ' के  गुण  को  ही  समाप्त  कर  देते  हैं  l  ऐसा  व्यक्ति  परिवार  से  लेकर  संसार  में  कहीं  भी  हो  उसे  दूसरों  को  सताने  में  , उन  पर  अत्याचार  करने  में  ही  आनंद  आता  है  l  यह  अत्याचार , अन्याय  हमेशा  अपने  से  कमजोर  पर  होता  है  l  ऐसे  कार्यों  से  पूरे  वातावरण  में  नकारात्मकता  भर   जाती  है  l  विभिन्न  असाध्य  रोग , महामारी , तनाव  आदि  इसी  का  परिणाम  हैं  l