26 March 2019

WISDOM ------ सफलता के लिए नैतिक बल जरुरी है

  शोषण  और  गरीबी  हमारे  समाज  का  बहुत  बड़ा  अभिशाप  है  ,  इससे मुक्त  हुए  बिना   सामाजिक  सुव्यवस्था  की  कल्पना  नहीं  की  जा  सकती   l 
सफलता  शक्तिवानों  का  वरण  करती  है   l   विजयी  होने  के  लिए  केवल  शस्त्र  बल ,  सैन्य  बल   व  भौतिक  बल  ही  पर्याप्त  नहीं  है   l  इसके  लिए  आत्म  शक्ति  की , नैतिक  बल  की  भी   बहुत  आवश्यकता  है   l  अत्याचार , अन्याय ,  आसुरी  तत्वों  से   निपटने  के  लिए  दैवी  कृपा  भी  बहुत  जरुरी  है  l  इस कृपा  को  पाने  के  लिए  मनुष्य  के  भीतर  छल - कपट  नहीं  होना  चाहिए   l 
  भगवान  राम    ने  रावण  से  युद्ध  के  पूर्व  ' शक्ति  पूजा'  की   l  नैतिक  बल  को  चिरस्थायी  बनाये  रखने  के  लिए   देवी  की  आराधना  की  l   देवी  ने  उन्हें ' विजयी भव '  का  आशीर्वाद  दिया  l 
  शक्ति - पूजा  तो  रावण  ने  भी  की   लेकिन  उसके  पास  नैतिक  बल  नहीं  था  ,  उसने  परायी  स्त्री  का  अपहरण  किया  था   l  चारों  और  फैले  हुए  उसके  राक्षसों  ने  ऋषियों  पर , सज्जनों  पर  बहुत  अत्याचार  किये  थे  ,  इस  कारण  देवी  ने  उसे ' कल्याण  हो '  आशीर्वाद  दिया  l  क्योंकि  आसुरी  तत्वों  के  मिट  जाने  में  ही  समाज  का  कल्याण  है    l