15 February 2019

WISDOM ---- संसार में नैतिक क्रांति की जरुरत है

 मानवीय  मूल्यों  के  पतन  के  कारण  ही   आज  धरती  पर  युद्ध  , बहशीपन ,  शोषण  , उत्पीड़न  की  घटनाएँ  बढ़ी  हैं  l    शिक्षा के  साथ  नैतिकता  का  समन्वय   जरुरी  है  क्योंकि  नैतिक  व्यक्ति  संवेदनशील  होता  है ,  वह  कभी   मानवाधिकारों  का  उल्लंघन  नहीं  करता   l  
    आज   व्यक्ति  के  जीवन  में   भौतिक  सुख - सुविधा  एवं  समृद्धि  के  नाम  पर  बहुत  कुछ  है  ,  ज्ञान - कौशल  की  भी  उसमे कमी  नहीं  ,  किन्तु  नैतिक  मूल्यों  की  कसौटी  पर   स्थिति  दिवालियेपन  की  है  l  नैतिकता  का  अस्तित्व  सरस्वती  नदी  की  तरह  विलुप्त  हो  गया  है  l 
 नैतिकता  एवं  मूल्यहीनता  के  साये  में  पल  रही  पीढ़ी  से   कोई  भी  राष्ट्र  व  संस्कृति  अपने  को  गौरवान्वित   करने  की  उम्मीद  कैसे  कर  सकता  है  ?   इलेक्ट्रोनिक  संचार  माध्यमों  ने   बच्चों  और  युवा  मस्तिष्क  को   अराजक  और  अनैतिक  बनाने  का  काम  किया  है  l  इसने  मस्तिष्क  के  उस  हिस्से  जिसे 
 ' एनिमल  ब्रेन  ' अर्थात  पशु  मन   कहा  जाता  है  ,  जगा  दिया  है  l  ऐसे में  अपराध ,  अत्याचार  ,  आतंक  व  अराजकता  से   समाज  का    उत्पीड़न  स्वाभाविक  है  l 
 विश्व  में  सुख - शांति  के  लिए    जरुरी   है  कि   राष्ट्र  अपने   संसाधनों  का  एक  बड़ा  भाग   नई  पीढ़ी  के  शारीरिक , मानसिक  और   भावनात्मक   विकास   के  साथ   युवा  पीढ़ी  और   प्रौढ़ - पीढ़ी  को  भी    मानवीय  मूल्यों  की  शिक्षा  देने  और  जीवन  जीना  सिखाने  में  नियोजित  करे  l  स्वयं  के  आचरण  से  दी  जाने  वाली  शिक्षा  ही  प्रभावी  होती  है  l