31 July 2023

WISDOM ------

   लघु कथा ---- एक  राजा  के  यहाँ  एक  संत  आए  l  प्रसंग वश  बात  चली  'हक  की  रोटी ' की  l  राजा  ने  पूछा  ---- ' महाराज ,  हक  की  रोटी  कैसी  होती  है  ? '  महात्मा  ने  बताया  कि  आपके  नगर  में   अमुक  जगह   एक  बुढ़िया  रहती  है  , उसके  पास  जाकर  पूछना  चाहिए   और  उससे  हक  की   रोटी  मांगनी  चाहिए  l   राजा  पता  लगाकर  उस  बुढ़िया  के  पास  पहुंचे   और  बोले  --- " माताजी , मुझे  हक  की  रोटी  चाहिए  l "    बुढ़िया  ने  कहा --- " राजन , मेरे  पास  एक  रोटी  है  , पर  उसमें  आधी  हक  की  और  आधी  बेहक  की  है  l "  राजा  ने  पूछा  ---- "  आधी  बेहक  की  कैसे   ? "  बुढ़िया  ने  बताया --- " एक  दिन   मैं  चरखा  कात  रही  थी   l  शाम  का  वक्त  था  l अँधेरा  हो  चला  था  l  इतने  में  उधर  से  जुलूस  निकला  l  उसमें  मशालें  जल  रही  थीं  l   अपना  चिराग  न  जलाकर   उन  मशालों  की   रोशनी  में  सूत  कातती  रही  और  मैंने  आधी  पूनी  कात  ली  l  आधी  पूनी  पहले  की  ही  कती  थी  l  उस  पूनी  से  आटा  लाकर  रोटी  बनाई  l  इसीलिए  आधी  रोटी  तो  हक  की  है   और  आधी  बेहक  की  है  l  इस  आधी  पर  उस  जुलूस  वाले  का  हक  है  l "    वृद्धा    की  कर्तव्यपरायणता   और  सत्य निष्ठा   को  देखकर   राजा  ने  उनको  सिर  नवाया  l