22 May 2022

WISDOM ------

   लघु -कथा -----  एक  जमींदार  का  घोड़ा  बूढ़ा  हो  गया  l  एक  दिन  वह  घास  चरता  हुआ  दूर  निकल  गया   और  एक  कुएं  में  जा  गिरा  l  कुआं   सूखा      था  , घोड़ा  उसमे  से  बाहर  निकलने  का  प्रयत्न  करने  लगा  ,  लेकिन  बाहर  न  निकल  सका  l   जमींदार  को  पता  चला   तो  वह  उसे  देखने  कुएं  पर  गया  l  वहां  उसने  सोचा   कि   उस  बूढ़े  घोड़े  को  निकालने  से  क्या  फायदा  ?  उसने  उसे  कुएं  में  ही  दफ़नाने  के  लिए   मजदूरों  को  बुलाया   और  उन्हें  कहा  कि   वे  घोड़े  के  ऊपर  मिटटी  डालकर   उसे  वहीँ  मरने  के  लिए  छोड़  दें   l   घोड़ा  बहुत  चतुर  था  ,  वह  मालिक  की   मंशा  समझ  गया   और  उसने  बचने  की  तरकीब  ढूंढ  ली  l   जब  भी  उस  पर  मिटटी  पड़ती ,  वह  उछल  पड़ता   l  मिटटी  उसके  नीचे  पहुँच  जाती  और  वह  मिटटी  के  ऊपर  l    उस  पर  मिटटी  पड़ती  रही  और  वह   उछलकर  ऊपर  आता  रहा   l  अंतत:   कुआं   मिटटी  से  भर  गया   और  घोड़ा  कुएं  से  बाहर  निकल  गया   l     इस  कथा  से  हमें  यह   शिक्षा  मिलती  है   कि  परिस्थितियां  चाहे  कितनी  भी  प्रतिकूल  क्यों   न  हों  ,  हमें  हिम्मत  नहीं   हारनी   चाहिए  , अपना  कर्तव्य  करते  हुए  निरंतर   उस  प्रतिकूलता  से  बाहर  निकलने  का  सही  दिशा  में  प्रयास  करते  रहना  चाहिए   l  सफलता  अवश्य  मिलेगी ,  हर  समस्या  का  समाधान  होता  है  l 

WISDOM-------

   लघु -कथा -----सज्जन  होना  ठीक  है  पर    ऐसे  लोगों  की  पहचान   रखना  भी  उतनी  ही  बड़ी   आवश्यकता  है    जो  बेवजह  दूसरों  को  कष्ट  देते  हैं l  उनसे  सतर्कता  जरुरी  है ------- एक  हंस  उड़ता  हुआ  अपने  निवास  स्थान  की  ओर  जा  रहा  था  l  संध्या  का  समय  था   l  उसने  देखा  एक  चूहा  ठंड  से   ठिठुरकर   अर्द्धचेतन  हो  गया  है   l  उसे  देखकर  हंस  को  दया  आ  गई   l  वह  नीचे  उतरा  और  अपने  पंख  फैलाकर  चूहे  को  ढक  लिया   इससे  उसकी  सर्दी  रुक  गई   और  धीरे -धीरे  चूहे  के  बदन  में  गर्मी  आ  गई  l   वह  अपने  आप  को  ठीक  महसूस  करने  लगा  l  अब  क्या  था , वह  अपने  काम  में  लग  गया   और  हंस  के  मुलायम  परों  को  कुतर  दिया   l  सबेरा  हुआ , ,  हंस  ने  उड़ने  की  तैयारी  की  ,  किन्तु  वह  उड़  न  सका  ,  उसे  बहुत  दुःख  हुआ   लेकिन  उसे  यह  समझ  भी  आया   कि  हमें  हमेशा  सतर्क  और  जागरूक  रहना  चाहिए   l   जब  तक  दूसरे  पंख  न  उगे  ,  उसे  वहीँ  घूम -फिर  कर  अपने  दिन  काटने  पड़े   l 






































































 दिशाओं  में  फैलने  लगीं