27 April 2019

WISDOM ------ सामर्थ्य का अपव्यय - दुरूपयोग ही असंयम है ---- पं. श्रीराम शर्मा आचार्य

 आचार्यजी  का  मत  है  कि  मनुष्य  का  सबसे  बड़ा  शत्रु  असंयम  है  l  शक्ति  तथा  सम्पन्नता  का  लाभ  तभी  मिलता  है  जब  उसका  सदुपयोग  बन  पड़े  l   दुरूपयोग  होने  पर  तो  अमृत  भी  विष  बन  जाता  है  l  माचिस  जैसी  छोटी   और  उपयोगी   वस्तु  अपना  तथा   पड़ोसियों  का  घरवार   भस्म  कर  सकती  है   l  इस  दुर्गुण  के  रहते  कुबेर  का  खजाना  भी  खाली  हो  सकता  है  l  ईश्वर प्रदत्त  सामर्थ्यों  का   सदुपयोग  कर  सकने  की  सूझ - बूझ  एवं  संकल्प शक्ति  को  ही    मर्यादा पालन   एवं  संयमशीलता   कहते  हैं   l