' स्वार्थी , अनीतिवान तथा कायर व्यक्ति के पास छल , कपट के सिवाय और कोई सम्बल नहीं होता l ऐसे व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए शत्रुओं के प्रति तो बड़े सच्चे और वफादार रहते हैं लेकिन अपने देश और समाज के प्रति नहीं रह पाते l जिस सच्चाई और भक्ति का प्रमाण वे विपक्षियों के हित साधन में देते हैं , उसका प्रमाण यदि वे देश , धर्म तथा समाज हित में दें तो उनका अधिक सम्मान व अधिक लाभ हो सकता है लेकिन जिनके संस्कार विकृत होते हैं उन्हें शत्रुओं की चाटुकारी करने और अपनों को हानि पहुँचाने में ही सुख - संतोष अनुभव होता है l