1 August 2020

WISDOM ----- पराजय हमेशा अधर्म की हुई है

 अधर्म  की  शक्तियाँ ---असुर , दानव , दैत्य , राक्षस  सभी  रावण  के  नेतृत्व  में   संगठित  और  व्यूहबद्ध  थे  l   रावण  के  पास  शस्त्रबल ,  शास्त्रबल, बुद्धिबल ,  तपोबल  था  l   यहाँ  तक  कि   देवी  निकुम्भिला  के  साथ   महादेव  व  ब्रह्मदेव  के  वरदान  भी  उसकी  रक्षा  कर  रहे  थे  l   वह  महान  विद्वान्  था , उसका  राजनीतिक   कौशल  भी  अकाट्य  था  l  इन  सब  बलों   के  होते  हुए  भी  उसके  पास  एक  बल  की  कमी  थी ,  और  वह  था ---- धर्मबल   l   इस  बल  के  बिना  वह  बलहीन  था  l  इसके  साथ  ही  वह  अहंकारी  था  , उसने  छल  से   सीताजी  का  अपहरण  किया  था  l
भगवान  श्रीराम   की  शक्ति  का  स्रोत  धर्म  था  ,  उनकी  क्षमता  अनंत  थी  l   धर्म  की  सारी   शक्तियां   भगवान  श्रीराम  के  नेतृत्व  में  संगठित  हुई     स्वयं  देवी  ने  श्रीराम  को  विजयी  होने  का  आशीर्वाद  दिया  l  रावण  ने  भी  शक्ति - पूजा  की  ,  देवी  ने  उसे '  कल्याण  हो '  का  आशीर्वाद  दिया  l   रावण  का  कल्याण   भगवान  के  हाथों  मिट  जाने   में   ही  था   l