9 June 2018

WISDOM ----- व्यक्ति जन्म से नहीं , कर्म से महान होता है

   चीनी  दार्शनिक  कन्फ्यूशियस  की  महानता  से  चीन  के  सम्राट  परिचित  थे   l  एक  दिन  वे  कन्फ्यूशियस  से  बोले --- " तुम  मुझे  उस  व्यक्ति  के  पास  ले  चलो  जो  महान  हो  l "
 सम्राट  के  इस  प्रश्न  को  पूछने  के  पीछे  यह  भाव  था  कि  कन्फ्यूशियस  स्वयं  को  या  सम्राट  को  महान  की  श्रेणी  में  रखेंगे  l    परन्तु  कन्फ्यूशियस  उन्हें  लेकर  एक  वृद्ध  व्यक्ति  के  पास  पहुंचे  l    देखने में  साधारण  और  कमजोर  वह  व्यक्ति   एक  कुआं  खोद  रहा  था  l    सम्राट  को  उस  वृद्ध  व्यक्ति  से  परिचय  कराते  हुए   कन्फ्यूशियस बोले --- " सम्राट  !  मुझसे  भी  अधिक  महान  यह  वृद्ध  है   l  इसकी  काफी  आयु  बीत  चुकी  है ,  शरीर  से  भी  दुर्बल  है  ,  तब  भी  यह  परोपकार  के  भाव  से  कुआं  खोद  रहा  है  l  परोपकार  में  ही  इसको  आनंद  की  अनुभूति  होती  है   l  जिसका  तन  और  मन  दोनों  ही  परोपकार  में  निमग्न  हों  उससे  अधिक  महान  अन्य  कौन  हो  सकता  है   ? "
  महान  व्यक्ति  समस्त  मानवता  के  लिए  संवेदनशील  होते  हैं  ,  दूसरों  के  दुःख - दर्द  को  दूर करने  का  यथासंभव  प्रयास  करते  हैं   l