यदि मनुष्य के पास सद्बुद्धि हो, विवेक हो तो संसार की सभी समस्याओं का आसानी से समाधान हो जाये लेकिन सद्बुद्धि के अभाव में उच्च शिक्षित और उच्च पदों पर बैठे व्यक्ति भी हमेशा समस्या पर चर्चा करेंगे , उसके समाधान के बारे में गहराई से नहीं सोचेंगे l विवेक होने पर ही हम अपनी जीवन में आये अवसरों को पहचान सकेंगे l पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- ' दुर्भाग्य मनुष्य का द्वार तब तक खटखटाता है , जब तक वह उसे खोल न दे जबकि सौभाग्य एक बार द्वार खटखटा कर धीरे से चला जाता है l अत: हमें हर शुभ अवसर के लिए सजग और तैयार रहना चाहिए l '