2 December 2018

WISDOM ----- मानव - समाज सामूहिक आत्महत्या की ओर बढ़ रहा है

 आज  युद्ध  के  लिए  वैज्ञानिक  अस्त्रों  की  विशिष्टता  और  अभिवृद्धि  को   बड़ी  वैज्ञानिक  उपलब्धि  गिना  जाता  है   l  ऐसे  किसी  अस्त्र  के  प्रयोग  से  कितने  निर्दोष  लोगों  को  मारा  जा  सकता  है --- अब  यह  गर्व  का  विषय  हो  गया  है   l 
  प्रत्येक  देश   युद्ध  के  लिए   कितनी  भयंकर   तैयारी  करता  है  कि   उससे  प्रकृति  में  भी  यही  सन्देश  जाता  है  कि  मनुष्य  को  मरना - मारना  बहुत  पसंद  है  ,  प्राकृतिक   विपदाएं  आने  लगती  हैं  l  दुष्ट  शक्तियां    गतिशील  हो  कर     मनुष्य  पर  इस  तरह  हावी  हो  जाती  हैं    कि  मनुष्य  स्वयं  ही   छोटी - छोटी  बातों  पर  बहस  करते - करते  उन्हें  एक  बड़े   दंगे  में  परिवर्तित  कर  देता  है   l   लड़ाई - झगड़े   करना ,  कराना ,  मरना ,  मारना  भी   रोजगार  हो  गया  है  व्यक्ति  इतना  दोषी  नहीं  है  जितना  कि  वातावरण   l   भयभीत  होकर  हथियारों  का  संग्रह  करना ,  उनकी   संगत    में  रहना  l  यह  सब  व्यक्ति  को  संवेदनहीन  बना  देता  है   l 
  आज  जरुरत   सामान्य  व्यक्ति  को  जागने    की    है  ,  उसे  जागरूक  होना  है  ,  प्राथमिकता  तय  करनी  है  कि  स्वाभिमान  से  मेहनत - मजदूरी  करके   अपने  परिवार  को , बच्चों  को  सुरक्षित  रखना  है  या   किसी  की  कठपुतली  बनकर     हमेशा  असुरक्षित  और  भय  का  जीवन  जीना  है  l