13 January 2021

WISDOM -----

    विवेक  शक्ति  मूर्च्छित  हो  जाने  के  कारण   ही    लोग   धर्म  के  नाम  पर   आपस  में  झगड़ते  हैं  l   सच्चे  भक्त   हों  तो  भगवान  स्वयं  उन्हें  समझाने   आते  हैं  l   एक  कथा  है  -----  एक  बार  हनुमान जी  की  भेंट    अर्जुन  से  हुई   l   हनुमान जी  भगवान  राम  के  भक्त  थे    और  अर्जुन  श्रीकृष्ण  के   l   हनुमान जी  कहने  लगे  -- मेरे  भगवान  राम  बली   हैं  ,  अर्जुन  कहते  श्रीकृष्ण  बली   है  l   दोनों  भक्तों  में  बहस  छिड़  गई  ,  बहस  का  अंत  न  होते  देख   परीक्षा  करने  का  निश्चय  हुआ    और  शर्त  तय  हुई  कि   जो  हारे ,  वह  आत्महत्या  कर  ले  l     अर्जुन ने  श्रीकृष्ण  का  ध्यान  किया   और  तुरंत  समुद्र  में   एक   विशाल  पुल   बाँध  दिया   और  हनुमान जी  से  बोले  --- " अब  यदि  तुम्हारे  राम  बली   हैं  तो  इस  पुल   को  तोड़  दो  l   यदि  न  तोड़  सके    तो  श्रीकृष्ण  की  तुलना  में  श्रीराम  का  पराक्रम  कमजोर  माना  जायेगा   l   हनुमान जी  जोश  में  भर  गए  l   उन्होंने  शरीर  का  शतयोजन  विस्तार  किया   और  पुल   पर  कूद  पड़े   l   भक्तों  के  इस  झगड़े   का   पता  भगवान  को  हुआ   तो  वे  बहुत  चिंतित  हुए   l   यदि  हनुमान जी  की  रक्षा  करते  हैं   तो  अर्जुन  का  अंत  होता  है  l   यदि  अर्जुन  जीतते  हैं  तो  हनुमान जी  का  अंत  निश्चित  है  l   सोच -विचारकर  भगवान  ने  स्वयं  ही   अपना  शरीर   पुल   के  नीचे   लगा  दिया   l   हनुमान जी  जैसे  ही  पुल   पर  कूदे ,  उनके  भार  से  भगवान  का  शरीर  फट  गया   और  खून  बहने  लगा  l  हनुमान जी  ने  भगवान  राम  को  पहचाना   और  कूद  कर  उनके  पास  पहुंचे   और  दुःख  करने  लगे   l   अर्जुन  ने  कृष्ण रूपी   भगवान  को  पहचाना  ,  वे  भी   विलाप  करने  लगे  l   भगवान   ने समझाया  ---- "  अच्छा  होता  , आप  लोग  विवेक  से  काम  लेते   l   मैं  एक  हूँ   ,  मेरे  ही  अनेक  रूप  संसार  में  फैले  हैं   l   इसलिए  किसी  से  झगड़ा  नहीं  करना  चाहिए   l   कोई  विवाद   आए   तो  उसे  विवेक  से  हल  कर  लेना  चाहिए   l   "    हम  सच्चे  भक्त  बने  l   यदि  हृदय  में  सच्चाई  है  ,  विवेक  है   तो  कभी  झगड़ा  होगा  ही  नहीं   l