हर स्थिति में सुखी रहना या दुःख मनाना व्यक्ति पर निर्भर है l दुःख उन्हें होता है , जो हर स्थिति में अपनी मनमरजी चलाना चाहते हैं , हर परिस्थिति को नियंत्रित करना चाहते हैं l
जो परिस्थिति के साथ अपनी मन:स्थिति बदल लेते हैं, वे ही सुखी रहते हैं l जिसका अपनी मन: स्थिति पर नियंत्रण होता है वह कभी किसी परिस्थिति का प्रतिकार नहीं करता और उससे उलझ कर अपनी ऊर्जा और समय भी नहीं गंवाता l अपने मन को समझाकर उस परिस्थिति का समुचित लाभ भी उठा लेता है l
जो हर परिस्थिति में अपने मन की सकारात्मकता बनाये रखते हैं उन्हें कोई दुःखी नहीं कर सकता l एक प्रसंग है ---- एक दिन एक शिष्य ने अपने गुरु से कहा --- " गुरुदेव ! एक व्यक्ति ने आश्रम के लिए गाय भेंट की है l " गुरु ने कहा --- " अच्छा हुआ ! दूध पीने को मिलेगा l "
एक सप्ताह बाद शिष्य ने आकर फिर गुरु से कहा --- " गुरूजी ! जिस व्यक्ति ने गाय दी थी , वह अपनी गाय वापस ले गया l "
गुरु ने कहा --- " अच्छा हुआ ! गोबर उठाने के झंझट से मुक्ति मिली l "
बदलती परिस्थिति के साथ सकारात्मकता बनाये रखना ही जीवन में सफलता का एकमात्र सूत्र है l
जो परिस्थिति के साथ अपनी मन:स्थिति बदल लेते हैं, वे ही सुखी रहते हैं l जिसका अपनी मन: स्थिति पर नियंत्रण होता है वह कभी किसी परिस्थिति का प्रतिकार नहीं करता और उससे उलझ कर अपनी ऊर्जा और समय भी नहीं गंवाता l अपने मन को समझाकर उस परिस्थिति का समुचित लाभ भी उठा लेता है l
जो हर परिस्थिति में अपने मन की सकारात्मकता बनाये रखते हैं उन्हें कोई दुःखी नहीं कर सकता l एक प्रसंग है ---- एक दिन एक शिष्य ने अपने गुरु से कहा --- " गुरुदेव ! एक व्यक्ति ने आश्रम के लिए गाय भेंट की है l " गुरु ने कहा --- " अच्छा हुआ ! दूध पीने को मिलेगा l "
एक सप्ताह बाद शिष्य ने आकर फिर गुरु से कहा --- " गुरूजी ! जिस व्यक्ति ने गाय दी थी , वह अपनी गाय वापस ले गया l "
गुरु ने कहा --- " अच्छा हुआ ! गोबर उठाने के झंझट से मुक्ति मिली l "
बदलती परिस्थिति के साथ सकारात्मकता बनाये रखना ही जीवन में सफलता का एकमात्र सूत्र है l