29 January 2019

WISDOM ----- विचार कभी नष्ट नहीं होते

 मनुष्य  जीवन  तो  पानी  का  बुलबुला  है  l  वह  पैदा  भी  होता  है  और  मर  भी  जाता  है  l  किन्तु   शाश्वत  रहते  हैं  उसके  कर्म  और  विचार   l  मनुष्य  के  विचार  ही  उसका  वास्तविक  स्वरुप  होते  हैं   l  ये  विचार  ही  नए - नए  मस्तिष्क  में  घुसकर   ह्रदय  में  प्रभाव  जमाकर  मनुष्य  को  देवता  बना  देते  हैं   और  राक्षस  भी  l  जैसे  विचार  होंगे   , मनुष्य  वैसा  ही  बनता  जायेगा   l 
  चीन  में  कुंग  फुत्ज़  के  दो  सौ  वर्ष  पश्चात्  एक  राजा  ने  उनके  विचारों ,  उनकी  शिक्षाओं  को  नष्ट  करने  का  प्रयास  किया  l  उनकी  लिखी  पुस्तकें ,  उनके  उपदेश  व  शिक्षाओं  के  संग्रह  उसने  जला  दिए  l  जो  लोग  उनके  मतानुयायी  थे   और  प्रचार  करते  थे   उन्हें  उसने  मौत  के  घाट  उतार  दिया   l  फिर  भी  कुंग  फुत्ज़  के  विचार  मरे  नहीं  ,  वे  और   जीवंत   हो  उठे      l  उनके  उपदेश  लोगों  के  मन  में ,  मस्तिष्क  में  ,   ह्रदय   और    अंत: करण  में  उतरा  l  बाद  के  सम्राटों  ने  उन  विचारों  को  स्वीकारा   l  1912  तक  उनके  द्वारा  चलाया  गया  धर्म   चीन  का  राजधर्म  था  l  आज  भी  चीन  में  करोड़ों  व्यक्तियों  को  उनके  उपदेश  कंठस्थ  हैं  l  यह  है  विचारों  का  अमृतत्व  l