23 March 2020

WISDOM ----- मानव - धर्म

 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  लिखा  है ---  इस  सृष्टि  के  संचालक  ने  मनुष्य  को  घृणा  करने  के  लिए  नहीं   वरन  प्रेम  करने  के  लिए  संसार  में  भेजा  है   और  उसी  के  लिए  हमको  सदैव  प्राणपण  से  सचेष्ट  रहना  चाहिए  l   क्षुद्र  और  संकीर्ण  स्वार्थों  के  वशीभूत  होकर  मनुष्य  ने  अपना  बहुत  आत्मिक  पतन  कर  लिया  है    और    मनुष्य  ने  स्वयं  को  ही  एक  महाभयंकर  संकट  के  सामने  पहुंचा  दिया  है  l  '
   कहते  हैं   जब  पृथ्वी  पर  अत्याचार , अन्याय , लूट - खसोट , छल - कपट , जाति , धर्म , ऊंच - नीच , अमीर - गरीब   आदि  के  आधार  पर  भेदभाव  , शोषण  बहुत  बढ़  जाता  है   तो  सामूहिक  दंड  के  रूप  में  प्राकृतिक  आपदा ,  महामारी  आदि  का  प्रकोप  होता  है  l   अपने  कष्टों  के  लिए  मनुष्य  स्वयं  उत्तरदायी  है   l   हमारे  ऋषियों , आचार्य  आदि  का  कहना  है   --- ईश्वर  स्वयं  किसी  का  भला - बुरा  नहीं  करते ,  मनुष्य  को  अपनी  पसंद , अपनी  चॉयस  के  अनुसार  ही  सब  कुछ  मिलता  है   l   हम  अपने  प्रत्येक  क्रिया - कलाप  द्वारा  प्रकृति  को  मैसेज  देते  हैं  कि   हमें  क्या  पसंद  है  जैसे  ---    लड़ाई - झगड़ा ,  दूसरों  का  हक़  छीनना , अपने  से  कमजोर  को  सताना , बेवजह  लोगों  को  तंग  करना , उनका  जीवन  दुखमय  बनाना , हत्या , युद्ध ,   आदि  घृणित  कार्य  करता  है   तो  प्रकृति  में  यह  सन्देश  जाता  है   कि   मनुष्य  को  यह  सब  पसंद  है  इसी  लिए  वह   ये  अनैतिक  कार्य  कर  रहा  है  l
  अब  मनुष्य  को  उसकी  यह ' पसंद ' उसकी ' चॉयस ' कब  और  किस  रूप  में  मिलेगी  यह  काल  तय  करता  है  l
  ईश्वर  ने  मनुष्य  को   ' चुनने '  का  अधिकार  दिया  है  यह  हमारे  हाथ  में  है   कि   हम   अहंकार  वश  अनैतिकता  का  मार्ग  चुने ,  या  समाज  में  करुणा , संवेदना , भाईचारे  बढ़ाने  का  रास्ता  चुने  l 
  पं.  श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  कहा  है  --- आज  की  सबसे  बड़ी  जरुरत  सद्बुद्धि  की  है   l   यदि  सद्बुद्धि  होगी   तो  मनुष्य  अपने  जीवन  की  सही  दिशा  चुनेगा  ,   सारे  भेदभाव  भूलकर  एक  सच्चा   इनसान   बनेगा  
जंगली    और  पालतू  जानवर  भी  आपस  में  इतना  नहीं  लड़ते   जैसा  कि   इतना  बुद्धिजीवी  होने  पर  भी  मनुष्य    मार - काट ,  दंगा - फसाद   करता  है  l