15 November 2022

WISDOM ---

  अत्याचार , अन्याय , लोगों  को  उत्पीड़ित  करना  --यह  सब  अहंकारी  के  लक्षण  हैं  ,  ऐसा  कर  के  उसके  अहंकार  को  पोषण  मिलता  है  l  इसे  जब  तक  सहन  करेंगे  यह  बढ़ता  ही  जायेगा  l  अत्याचारी  के  पास  धन , सत्ता  आदि  का  बल  होता  है  , इसलिए   विवेक  और  आत्मविश्वास   से  ही  उसका  मुकाबला  किया  जा  सकता  है  l पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं --- ' हम में  'न ' कहने  की  हिम्मत  होनी  चाहिए  l  गलत  का  समर्थन  नहीं  करेंगे , उसमें  सहयोग  नहीं  देंगे  l  जिसमें  इतना  भी  साहस  नहीं  है   उसे  सच्चे  अर्थों  में   मनुष्य  नहीं  माना  जा  सकता  l  चाहे  कैसी  भी  परिस्थिति  हो  जूझने  का  साहस  होना  चाहिए  l ------ एक  राक्षस  था  , उसने  एक  आदमी  को  पकड़ा  l  उसने  उसको  खाया  नहीं  , डराया  भर   और   बोला  ---- ' मेरी  मर्जी  के  कामों  में   निरंतर  लगा  रह  ,    यदि  ढील  की  तो   खा  जाऊँगा  l  वह  आदमी  जब  तक  बस  चला  , तब  तक   काम   करता  रहा  l  जब  थककर चूर -चूर  हो  गया  और  काम  उसकी  सामर्थ्य  से  बाहर  हो  गया   तो  उसने  सोचा  कि  तिल -तिलकर  मरने  से  तो    एक  दिन  पूरी  तरह  मरना  अच्छा  है  l  उसने  राक्षस  से  कह  दिया -- " जो  मरजी  हो  सो  कर  ,  इस  तरह  मैं   काम  करते  नहीं  रह  सकता  l " राक्षस  ने  सोचा  कि  काम  का  आदमी   है  l  थोडा -थोडा  काम  दिन भर  करता  रहे   तो  क्या  बुरा  है  ?  एक  दिन  खा  जाने  पर   तो  उस  लाभ  से  हाथ  धोना  पड़ेगा  जो  उसके  द्वारा  मिलता  है  l  राक्षस  ने  समझौता  कर  लिया  ,  थोड़ा -थोड़ा  काम  करते   रहने  की  बात   मान  ली