7 August 2022

WISDOM -----

   आज  परिवारों  में , समाज  में  , सम्पूर्ण  संसार  में   जो  अशांति  है   ,  उसका  प्रमुख  कारण  है -- अहंकार   l  अहंकारी  चाहे   जिस  भी  क्षेत्र  में  हो  , वह  अपनी  हुकूमत  चाहता  है   और  हुकूमत  भी  इस  हद  तक  कि    वह  चाहता  है  कि  जैसा  वह  सोचता  है , उसी  तरह  सब  सोचें    l  लोगों  के  मन  पर  भी  अपना  नियंत्रण  चाहता  है   लेकिन  मन  को , किसी  के  ह्रदय  को  जितना  आसान  नहीं  है ,  उसे  तो  आत्मिक  प्रेम  और  संवेदना  से  जीता  जा  सकता  है  ,  जिसका  सर्वत्र  अभाव  है   l    व्यक्ति  को  चाहे  जितने  बंधन  में  जकड़   दो  लेकिन  मन  तो  आजाद  है  l  मन  और  सोच  की  आजादी  के  कारण  ही  संसार  में  बड़े  कत्लेआम  हुए   l  अहंकार  का  रोग  बड़ा  भयानक  है  l  अहंकारी  चाहे  छोटे  से  परिवार  में  हो   या  किसी  संस्था  में  हो   या  कहीं  भी  हो  , उसकी  चाहत  यही  है  कि  हमारी  हर  बात  को  सिर  झुका  कर  स्वीकार  करो ,  यदि  कष्ट  भी  होता  है  तो  ' उफ़ ' न  करो ,  चुपचाप  सहो  ,   वरना --------- l   अब  वक्त  बदल  रहा  है  ,  यह  सब  कैसे  संभव   है  !  सबको  बदलना  पड़ेगा  l    पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  अपने  एक  लेख  में  लिखा  है ------ " भ्रष्ट  चिन्तन  और  दुष्ट  आचरण  के  कारण  जो  अनर्थ  उपजे  हैं  ,  उन्हें  कोई  दावानल  भस्मसात  कर  के  रख  दे  ,  यह  संभव  है  l  ऐसा  समय  असाधारण  रूप  से  कष्टकारी  भी  हो  सकता  है   l  विपत्तियाँ   और  बढ़  सकती  हैं  l  संकट  और  भी  अधिक  गहरा  सकते  हैं   l ------ दैवी  आपदा  ही  नहीं  , दुर्बुद्धि  का  भस्मासुर   अभी  चारों  ओर  महाविनाश  मचाता  दीख  रहा  है   l  लगता  है  कि  सारे  कुएं  में  ही  भांग  मिला  दी  गई  है  ,  जिसे  पीकर  सभी  उनमत्त   होते  दिखाई  देते  हैं   l  युद्ध  थमने  का  नाम  नहीं  ले  रहे  ,  आत्महत्याओं  का  दौर  चल  पड़ा  है  l  मनोचिकित्सकों  को   विचित्र  प्रकार  की  व्याधियाँ  चुनौती  दे  रही  हैं   और  सारे  प्रयासों  के  बावजूद  मानवी  स्वास्थ्य   कहीं  भी  नियंत्रण  में  आता  नहीं  दीखता  l ------ -- लेकिन  यह  भी  निश्चित  है  कि उज्जवल  भविष्य  का  सृजन   भी  इन्ही  दिनों  होगा  ,  युग निर्माण  होगा  l  "