6 June 2020

WISDOM ------

 ब्रह्मा जी  ने  सृष्टि  की  रचना  की  l  बढ़ती  हुई  जनसँख्या  से  उन्हें  चिंता  हुई  तो  उन्होंने   अपने  तपोबल  से   मृत्यु   को  बनाया   और  उसे  आदेश  दिया  कि ---- ' मनुष्यों  की  बढ़ोत्तरी  न  हो  पाए  ,  इसलिए  तुम  उन्हें  मार - मारकर   परलोक  भेजती  रहो  l  '
यह  सुनकर  मृत्यु  रोने  लगी  कि   यह  निर्दयतापूर्ण  कार्य  मुझसे  न  हो  पायेगा   l   तब  प्रजापति  ने  उससे  कहा  ----  "  मैं  आठ  काल - दूतों  को   पृथ्वी  पर  भेजता  हूँ   l   वे  आदमी  के  मन  में  प्रवेश  कर   उन्हें  भीतर  ही  भीतर  खोखला  करते  रहेंगे  l   इनके  चंगुल  में  फँसे   रहने  के  कारण  वे  मरणासन्न  हो  जायेंगे    और  इस  क्लेश  से  मुक्ति  पाने  के  लिए   वे  स्वयं  ही  तुम्हारे  आश्रय  को  ढूंढने  लगेंगे  l   फिर  तुम्हारा  कार्य  निष्ठुरता  का  नहीं  दया  और  सांत्वना  का  होगा  l  '  मृत्यु  संतुष्ट  हो  गई  l   अब  ब्रह्मा जी  ने  काल - दूतों  से  उसका  परिचय  कराया ---- इनके  नाम  हैं  ---- असंयम ,  आवेश , ईर्ष्या ,  लोभ ,  निष्ठुरता ,  अशिष्टता ,  तृष्णा  और  आलस्य  l
  ये  जहाँ  रहेंगे   वहां  तीव्र  और  मंद  गति  से  आदमी  मरणासन्न  होते  रहेंगे  l 

WISDOM -----

  किसी  भी  समस्या  का  समाधान  करना  है  तो  उसकी  जड़  में  जाकर  मूल  कारण  को  समाप्त  करना  होगा   l  समस्या  कुछ  ऐसी  होती  है  कि   बच्चा  अपनी  माँ  की  गोद   में  ,  आँचल  में  छुपा   सो  रहा  है  ,   इस  बात  से  बेखबर  माँ   सारे  घर , मोहल्ले  में  बदहवास  होकर  अपना  बच्चा  ढूंढ  रही   कि   उसका  बच्चा  कहीं  खो  गया  l   थक - हार  कर  वह  पुलिस  थाने   पहुँचती  है  और  रो - रोकर   बच्चे   के    गुम   होने  की  रिपोर्ट  लिखाती   है  कि   उसका  एक  ही  बेटा   है  , मिल  नहीं  रहा   l    पुलिस वाला  पूछता  है -- यह  गोद   में  किसका  बच्चा  लिए  हो   ?  वह  औरत  बहुत  खुश  होती  है  कि   बच्चा  मिल  गया  l
  आज  सारा  संसार  एक  महामारी  से  पीड़ित  है  ,  चारों  ओर   इसका  इलाज  ढूंढा  जा  रहा  है  l  जब  सक्षम   माननीय  लोगों  ने  पहले  से  ही   भविष्यवाणी   कर  दी  थी  कि   एक  वायरस  फैलेगा  ,  तो  यह  निश्चित  है  कि   उन्हें  इसका  कारण  भी  पता  होगा  कि  ऐसा  क्यों  होगा  ?  बस  !  उस  कारण  को  दूर  कर  दिया  जाये   तो  सारे   संसार  को   मुसीबत  से  छुटकारा  मिल  जाये  l
  जैसे  कोई  मीठा  बहुत  खाता   है ,  दिनचर्या  अनियमित  है  ,  इस  कारण  के  आधार  पर  ही  भविष्यवाणी  की  जाएगी  कि  उसे  डाइबिटीज  होने  की  संभावना  है  l   इस  कारण  को  दूर  कर  दिया  जायेगा   तो  व्यक्ति  स्वस्थ  हो  जायेगा  l
पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  का  कहना  है  कि   यदि  हमारे  मन  में  लोभ  नहीं  है ,  लोक - कल्याण  का  भाव  है   तो  दैवी  शक्तियां  मदद  करती  हैं ,  हर  समस्या  का  समाधान  संभव  है  l