14 February 2024

WISDOM ----

     लघु कथा ---- मगध  नरेश  ने  कौशल  नरेश  पर  चढ़ाई  कर  दी  l  मगध  सेना  का  दबाव  देखकर   कौशल  नरेश  ने  नागरिकों  को  नगर  खाली  करने  का  आदेश  दिया  l  मगध  की  सेना  नगर  पर  कब्ज़ा  करे  , इसके  पहले  नागरिकों  सहित  सारा  सामान  सुरक्षित  निकल  गया   किन्तु  कौशल  नरेश  थोड़े  से  व्यक्तियों  और  अंगरक्षकों   सहित  मगध  सेना  के  घेरे  में  आ  गए  l  कौशल  नरेश  ने  मगध  के  सेनानायक  को  सन्देश  दिया  कि   यदि  हमारे  साथ  के  दस  व्यक्तियों  को  सकुशल  निकल  जाने  दें   तो  वे  अपने  अंगरक्षकों  सहित   बिना  प्रतिरोध  के  समर्पण  कर  देंगे  l  सेनानायक  ने   शर्त  स्वीकार  कर  ली   और  बिना  खून खराबी  के  कौशल  नरेश  को  बंदी  बनाकर   मगध  नरेश  के  सामने  प्रस्तुत  किया  l  मगध  नरेश  ने  सारा  विवरण  सुना   तो  कौशल  नरेश   से  पूछा   कि  जिन  व्यक्तियों  की  सुरक्षा  के  लिए   आपने  स्वयं  को  कैद  कर   दिया   वे  कौन  थे  ?    कौशल  नरेश  ने  उत्तर  दिया  कि  वे  हमारे  राज्य  के   लोकसेवी  संत  थे  l  वे  सुरक्षित  हैं   तो  राज्य  में  आदर्शनिष्ठ  , कर्तव्यनिष्ठ   व्यक्तियों  का  निर्माण  बराबर  होता  रहेगा   तथा  उपयुक्त  शासक  भी  पुन:  पैदा  कर  लिए  जाएंगे  l  राष्ट्र  की  सच्ची  संपत्ति  उसके  श्रेष्ठ  व्यक्तित्व  संपन्न  नागरिक  होते  हैं   और  उन्हें  बनाने  वाले  होते  हैं  ऐसे  आदर्शनिष्ठ  संत  l  उनकी  रक्षा  के  लिए  कोई  भी  मूल्य  चुकाया    जाना  उचित  है  l   मगध  राजा  ने  यह  सुनकर  कौशल  नरेश  को  बंधन  मुक्त  कर  के  सम्मान  सहित  उनका  राज्य  उन्हें  लौटा  दिया  l  वे  बोले  जिस  राज्य  में  , जहाँ  जन -कल्याण  में  लगे  हुए   सत्पुरुषों  को  इतना  महत्त्व  दिया  जाता  है  , वहां  शासन  में   कोई  परिवर्तन  लाना  आवश्यक  नहीं  l  उनसे  तो  हमें  भी  प्रेरणा  ग्रहण  करनी  चाहिए  l  वास्तव  में  श्रेष्ठ  व्यक्तित्व  संपन्न  व्यक्ति  किसी  राष्ट्र   सबसे  बड़ी  संपत्ति  होते  हैं   और  राष्ट्र  की  साधन  सम्पन्नता  और  गौरव   वे  ही  बढ़ा  सकते  हैं  l