पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- ' मनुष्य मूलत: संवेदनशील प्राणी है किन्तु हीन परिस्थितियों और संगति में पड़कर वह आक्रामक और पशुभावों को अपनाकर पशु तुल्य प्रतीत होने लगता है l '
मनुष्य स्वभावत: कठोर नहीं है परन्तु आज समाज में विषमता इस कदर बड़ी है कि विवशता में पड़कर व्यक्ति असुरता और आक्रामकता की ओर फिसल पड़ता है l किसी के पास कुबेर जैसी संपति है तो कहीं भूखों मरने की नौबत है l पेट की ज्वाला व्यक्ति को बुरे कामों की ओर ले जाती है और उसे इनसान से शैतान बना देती है l
सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिनके पास शक्ति है , अपार धन - संपदा है , उनकी तृष्णा , लोभ - लालच किसी तरह कम नहीं होता l वे अपनी संपदा , अपनी शक्ति को और ---- और अधिक बढ़ाना चाहते हैं , इसके लिए भ्रष्टाचार , बेईमानी , कमजोर का शोषण आदि अनैतिक तरीके अपनाते हैं l गरीब और कमजोर तो अपनी रोटी - रोजी की चिंता में ही घुल रहा है , वह किसी को क्या परेशान करेगा l आज संसार में जो समस्याएं हैं वे अमीरों और शक्तिसम्पन्न लोगों की देन हैं l उनकी विकृत और असीमित महत्वाकांक्षाओं का परिणाम सामान्य - जन भुगतता है l
हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है l दमन , शोषण , उत्पीड़न और अत्याचार की प्रतिक्रिया समाज में क्रोध , आक्रामकता आदि विभिन्न रूपों में दिखाई पड़ती है l
मनुष्य स्वभावत: कठोर नहीं है परन्तु आज समाज में विषमता इस कदर बड़ी है कि विवशता में पड़कर व्यक्ति असुरता और आक्रामकता की ओर फिसल पड़ता है l किसी के पास कुबेर जैसी संपति है तो कहीं भूखों मरने की नौबत है l पेट की ज्वाला व्यक्ति को बुरे कामों की ओर ले जाती है और उसे इनसान से शैतान बना देती है l
सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिनके पास शक्ति है , अपार धन - संपदा है , उनकी तृष्णा , लोभ - लालच किसी तरह कम नहीं होता l वे अपनी संपदा , अपनी शक्ति को और ---- और अधिक बढ़ाना चाहते हैं , इसके लिए भ्रष्टाचार , बेईमानी , कमजोर का शोषण आदि अनैतिक तरीके अपनाते हैं l गरीब और कमजोर तो अपनी रोटी - रोजी की चिंता में ही घुल रहा है , वह किसी को क्या परेशान करेगा l आज संसार में जो समस्याएं हैं वे अमीरों और शक्तिसम्पन्न लोगों की देन हैं l उनकी विकृत और असीमित महत्वाकांक्षाओं का परिणाम सामान्य - जन भुगतता है l
हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है l दमन , शोषण , उत्पीड़न और अत्याचार की प्रतिक्रिया समाज में क्रोध , आक्रामकता आदि विभिन्न रूपों में दिखाई पड़ती है l