14 January 2021

WISDOM -----

   सबसे  समर्थ  कालपुरुष  है  l   समर्थ  होते  हुए  भी  भगवान  राम  ने  वनवास  का  कष्ट  सहा  l   श्रीकृष्ण  के  यादव  कुल  का  नाश  हुआ  ,  नल  को  राज्य  से  हटना  पड़ा  ,  काल  ने  किसी  को  नहीं  छोड़ा  ,  भगवान  कृष्ण  स्वयं  दुर्योधन  को  समझाने   गए  ,  वो   कुछ  समझने  को  तैयार  ही  नहीं  था  ,  आखिर  महाभारत  हुआ  l        '  काल  बड़ा  बलवान  है  '  ---- यदि  कोई   इस  सत्य  को  समझ  जाये   तो  उसमें    क्रांतिकारी  परिवर्तन   आ  जाता  है   l --------- बेताल  अवंतिका ( उज्जैन )  के  महामात्य  थे  ,  बहुत  बड़े  तांत्रिक  थे  l   उनका  जीवन  कभी  तांत्रिक  साधनाओं  में  बीता ,  कभी  रणभूमि  में   l   सम्राट  विक्रमादित्य  उनके  बिना  स्वयं  को  असहाय  महसूस  करते  थे  l   लेकिन  आज  वे  स्वयं  में  लीन   थे  ,  अपने  आप  को  विवश  महसूस  करते  हुए  सोच  रहे  थे   कि   इतने  षड्यंत्र  - कुचक्र   आखिर  किसके  लिए  ?  दूसरों  को  पराजित  करने  वाला   आज  महसूस  कर  रहा  था   कि   सबसे  सशक्त  कालपुरुष  है  l   मृत्यु  से  आज  तक  कोई  नहीं  बच  पाया  है  l   उनके  विवेक - चक्षु  खुल  गए  l   सांसारिक  मोह  टूट  गया  ,  दंभ   मर  गया ,  जीवन  भर  के  पाप  आँखों  के  समक्ष  आ  रहे  थे  ,  मस्तिष्क  में  मानों  हथौड़ों   की  चोट  लग  रही  थी   l   उन्होंने  राजसी  परिधान  उतारे ,  साधारण  वेशभूषा  पहनी  l   हाथ  में  लाठी  और    उत्तरीय  कंधे  पर  डालकर  निकल  गए  l  क्षिप्रा  नदी  के  तट   पर  खड़े  होकर   उन्होंने  अवंतिका  नगरी ,  भगवान  महाकाल  को  प्रणाम  किया  और  चल  पड़े  l   अभी  बीस  कदम  ही  चले  थे   कि   एक  ओर   से  महाकवि  कालिदास  आ  रहे  थे   l   वे  पूछ  बैठे ---- " बेताल  भट्ट  !  आज  किस  कूटनीति  के   तहत   वेश  बदलकर  जा  रहे  हैं  ? "    बेताल  बोले ---- "   अब मैं  अंतिम  और  निर्णायक  युद्ध   अपने  आप  से  करने  जा  रहा  हूँ  l  "  कालिदास ने  फिर  प्रश्न  किया  --- "  किन्तु  इस  अवंतिका  का  क्या  होगा   ? "  बेताल  बोले  ----- "  सब  व्यर्थ  का  मोह  है  l   मनुष्य  अहंकारवश  सोचता  है   और  भावी  पीढ़ी  के  मार्ग  में  बाधक  बनता  है   l "  बेताल   आगे बढ़  गए   और  देश  में  खबर  फ़ैल  गई  कि   महातांत्रिक ,  राज्य  के  महामात्य  ने  वानप्रस्थ  लेकर   स्वयं  को  समाजसेवा  हेतु  समर्पित  कर  दिया  है   l